डीएसपी अमित भाटिया ने बताया कि सोशल मीडिया पर अंजान लोगों से फ्रैंड व फालो रिक्वेस्ट एसैप्ट ना करे। अपनी प्रोफाइल प्राइवेट रखें व उसके पासवर्ड निरंतर बदलते रहें। हमेशा पासवर्ड को एल्फा न्यूमैरिक रखें। ई-मेल या मैसेज के माध्यम से प्राप्त किसी भी लिंक पर क्लिक ना करने व सोशल मीडिया पर आपराधिक तत्वों द्वारा साइबर बुलिंग की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर-1930 पर काल कर शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने बच्चों से साइबर ठगी के तरीकों से बचने के लिए अपने अभिभावकों को भी जागरूक करने का आह्वान किया।
पुलिस लाइन व बस स्टैंड रेवाड़ी पर पर आयोजित जागरूकता चौपाल में आम लोगों को साइबर ठगों द्वारा अपनाए जा रहे तरीकों की जानकारी दी। साइबर थाना के प्रबंधक एस आई राहुल ने बताया कि साइबर ठग जानकार बन कर रुपये भेजने का झांसा देकर लिंक भेज ठगी कर रहे है। किसी भी व्यक्ति से पैसों का लेनदेन करने से पहले अच्छी तरह जांच परख लें। अनजान आदमी द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक न करें। ऐसा करने से साइबर ठग उनके बैंक खातों में सेंध लगा सकते है। साइबर ठग KYC अपडेट करने या बैंक अथवा किसी अन्य तरीके से कर्मचारी बनकर बैंक खातों की गोपनीय जानकारी हासिल करके ठगी कर सकते हैं।
उन्होंने OLX पर कोई विज्ञापन देकर ठगी करने के तरीकों बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गुगल वेबसाइट पर मौजूद किसी भी कंपनी या बैंक के कस्टमर केयर नंबर की अच्छी तरह से जांच कर लें। बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले कस्टमर केयर पर ही संपर्क करें। उन्होंने फ्रॉड लोन ऐप तथा फ्रॉड ईनवेस्टमेंट ऐप से फ्रॉड करने के तरीको से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ठगी से बचने के लिए किसी भी अनजान व्यक्ति से प्राप्त ई-मेल, मैसेज व फोन कॉल प्राप्त करते समय सावधानी बरतें और अपनी गोपनीय जानकारी जैसे OTP, ATM CARD NO, AADHAAR NO, UPI PIN किसी से भी शेयर ना करे व किसी भी साइबर अपराध के घटित होने की सूरत में तुरंत प्रभाव से हेल्पलाईन नं0 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराये ।