डीसी अशोक कुमार गर्ग की अध्यक्षता में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की जिला समन्वय कमेटी की बैठक आयोजित हुई, जिसमें डीसी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। डीसी ने सभी प्राइवेट अस्पताल संचालकों को निर्देश दिए कि वे संस्थागत डिलीवरी के तहत नवजात शिशुओं को जन्म के 24 घंटे के अंदर-अंदर बीसीजी, पोलियो, हेपेटाइटिस-बी का टीका लगाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि यदि कोई निजी अस्पताल संचालन इन आदेशों की अवहेलना करते हुए पाया जाता है तो उसे सिविल सर्जन के माध्यम से अवमानना नोटिस करते हुए उस निजी अस्पताल पर 500 रुपए प्रति बच्चा के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।
कोई भी बच्चा न रहे लेट आउट व ड्राप आउट : डीसी
डीसी ने बताया कि जनवरी-2011 से भारत में पोलियो का कोई केस नहीं पाया गया है लेकिन पड़ोसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो के खतरे के मद्देनजर एहतियात बरतनी जरूरी है तथा बच्चों को 6 सप्ताह, 14 सप्ताह व 9 महीने के अंतराल पर पोलियो का टीकाकरण अवश्य किया जाए ताकि देश पोलियो मुक्त रहे।
उन्होंने कहा कि 2023 तक खसरा और रूबेला मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए सभी बच्चों को 9 महीने पर एमआर-वन तथा डेढ़ साल पर एमआर-टू का टीका अवश्य लगाना सुनिश्चित करें। यदि कोई भी खसरे से संभावित केस नजर में आता है तो उस बारे रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि खसरे का टीका लगवाने से संबंधित कोई भी बच्चा लेट आउट व ड्राप आउट नहीं रहना चाहिए।