दरअसल ये पूरा मामला शुक्रवार से शुरू हुआ था. जब नगर परिषद की टीम रेलवे रोड पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थी. कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि नगर पार्षद दलीप माटा ने अपने चाहितें रेहड़ीवाले को बचाने के लिए कर्मचारियों के साथ अभद्रता की थी. जिसके बाद पार्षद दलीप माटा ने नगर परिषद् सचिव के कार्यालय में पहुंचकर गाली गौलोच की थी. जिसका वीडियो भी सामने आया था.
शनिवार को नगर परिषद् के सफाई कर्मचारियों ने पार्षद दलीप माटा के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था और फिर सोमवार को काम छोड़कर धरना प्रदर्शन किया था. जिसके बाद देर रात नगर परिषद् सचिव की शिकायत पर थाना शहर पुलिस ने पार्षद दलीप माटा के खिलाफ धारा 186, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया था.
लेकिन मंगलवार को भी कर्मचारियों ने हड़ताल ख़त्म ना करके धरना प्रदर्शन जारी रखा, जिनका कहना thथा कि पार्षद के खिलाफ जाति सूचक शब्द बोलने की धाराओं को भी जोड़ा जाएँ और गिरफ्तार किया जाएँ. इस बीच तहसीलदार मौके पर पहुंचे. जिन्होंने कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की लेकिन कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े रहे.
जिसके बाद दोपहर बाद नगर पार्षद, नगर परिषद् के केअधिकारियों और कर्मचारियों नेताओं के बीच घंटों बातचीत चली लेकिन कोई समाधान नहीं निकला , जिसके बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष हुकुमचंद भी समझौता कराने के लिए मौके पर पहुंचे. फिलहाल पार्षद दलीप माटा ने अपनी गलती मानते हुए माफ़ी मांगी है और कर्मचारियों ने भी हड़ताल खत्म कर दी है.