केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि समारोह की तैयारियां पूरी हो गई है। रविवार को जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने समारोह स्थल का दौरा कर सुरक्षा जांच इंतजाम पुरे कर लिये है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ सोमवार सुबह 11 बजे कार्यक्रम में पहुंचकर उनके पिता Rao Birendra Singh की डाक टिकट ( Postage Stamp ) का विमोचन करेंगे।
राजा राव तुलाराम के वंशज राव बीरेंद्र सिंह
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राव बीरेन्द्र सिंह ( Rao Birendra Singh )1857 की स्वतंत्रता क्रांति के महानायक शहीद-ए-आजम राव तुलाराम के रामपुरा रेवाड़ी राजकुल के वंश से संबंध रखते हैं। इनका जन्म 20 फरवरी 1921 को हरियाणा के रेवाड़ी जिले में हुआ था। राव बीरेन्द्र सिंह 1954 में पंजाब विधान परिषद के लिए अंबाला संभाग से निर्दलीय निर्वाचित हुए थे।
राव बीरेंद्र का था भारी जनाधार
संयुक्त पंजाब और हरियाणा बनने के बाद राव बीरेंद्र सिंह (Rao Birendra Singh) का भारी जनाधार था। संयुक्त पंजाब में मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरो ने राव बीरेन्द्र सिंह को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी और इन्होने लोक निर्माण, राजस्व व सिंचाई जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाला। 1967 में राव बीरेन्द्र सिंह नए हरियाणा प्रदेश की नव गठित हरियाणा विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए। 23 मार्च 1967 को पटौदी से विधायक रहते हुए राव बीरेन्द्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे, इन्होंने किसानों के लिए अनेक कल्याणकारी फैसले लिए। किसानों को उनकी उपज का अधिकतम भाव मिल सका। किसान हितैषी नीतियों के कारण हरियाणा में ”राव आया- भाव आया” का नारा प्रचलित हुआ।
इंदिरा गाँधी ने भी माँगा था सहयोग
1977 में इंदिरा गांधी एवं कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव हार गई, उसी दौरान 23 सितंबर 1978 में गांधी रेवाड़ी आयीं और राव तुलाराम शहीदी दिवस समारोह में उन्होंने जनसभा में राव बीरेन्द्र सिंह से इस कठिन समय में साथ देने का अनुरोध किया। इंदिरा गांधी ने राव बीरेन्द्र सिंह को अपने बाद दूसरे नंबर पर केंद्रीय मंत्री की शपथ दिलवाई और कृषि, ग्रामीण विकास , सिंचाई और नागरिक आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए।
31 दिसंबर 1981 को केंद्रीय सिंचाई मंत्री रहते हुए, राव बीरेंद्र सिंह (Rao Birendra Singh)ने ऐतिहासिक राबी-व्यास के जल बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई , 30 सितम्बर 2009 को किसान एवं गरीब कल्याण को समर्पित भारत माता का यह सूरज 88 वर्ष की यात्रा पूर्ण कर सदा-सदा के लिए अस्त हो गया। उनके बाद पुत्र एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह करीबन 43 वर्षों से राजनीति में सक्रीय भूमिका निभा रहें है.