गुरुग्राम (Gurugram) में रेलवे ट्रेक पर सेल्फी लेते 4 युवकों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो जाती है और बंगाल के मिदनापुर में कोसी नदी के रेलवे ब्रिज पर सेल्फी (Selfie) लेने के चक्कर में 2 युवकों की ट्रेन की चपेट में आने से हुई मौत जहां रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) के लिए चिंता का बना हुआ विषय है. वही, रेल संगठन भी इस बाबत रेलवे बोर्ड (Railway Board) को पत्र लिख ठोस फैसला लेने की मांग करने वाले है, ताकि रेलवे ट्रैक पर सेल्फी लेने वाले लोगों पर कार्रवाई की जा सके और इस तरह की दुर्घटनाओं पर लगाम लग सके.
आइये जानते है क्या है रेलवे का नया कानून
-रेल अधिनियम, 1989 (Railways Act 1989) की धारा 145 और 147 के तहत रेल की पटरी या किनारे सेल्फी लेना दंडनीय अपराध है.
-ऐसा करने पर 1000 रुपये का जुर्माना या साथ में 6 महीने की जेल भी हो सकती है.
अधिनियम की धारा 145 कहती है कि जानबूझकर या किसी प्रतिहेतु के बिना रेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई किसी सुख-सुविधा में बाधा डालेगा, जिससे किसी यात्री की आरामदायक यात्रा में प्रभाव पड़ता हो, तो वह किसी रेल सेवक द्वारा हटाया जा सकेगा और उसके पास या टिकट के समपहरण के अतिरिक्त कारावास से, जो छह मास तक का हो सकेगा और जुर्माने से दंडनीय होगा.
वहीं, रेल अधिनियम, 1989 (Railways Act, 1989) की धारा 147 (अतिचार और अतिचार से प्रतिविरत रहने से इंकार करना) में प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति किसी रेल पर या उसके किसी भाग में विधिपूर्ण प्राधिकार के बिना प्रवेश करेगा या ऐसे भाग में विधिपूर्ण रूप से प्रवेश करने के पश्चात ऐसी संपत्ति का दुरुपयोग करेगा या वहां जाने से इनकार करेगा, तो वह कारावास से, जिसकी अवधि छह महीने तक की हो सकेगी या जुर्माने से जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, दोनों से दंडनीय होगा.
इस तरह रेल के कानून के तहत किसी भी रेल संपत्ति में बिना इजाजत प्रवेश करने और रेल परिचालन में बाधा डालने वाले इस अपराध के तहत बाकायदा सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इसी क्रम में कल रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने दिल्ली के शकुरबस्ती में रेलवे लाइन को पार करने के खिलाफ अभियान चलाया. इसमें 100 से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके चालान काटे गए.