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हरियाणा मे अब 1st से 3rd कक्षा तक के बच्चों को खेल के साथ दी जाएगी गुणात्मक शिक्षा (qualitative education)

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एडीसी पाटिल मंगलवार को लघु सचिवालय सभागार में निपुण हरियाणा मिशन के अंतर्गत जिला स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जानकारी दे रहे थे। बैठक में एडीसी व अन्य अतिथिगण का स्वागत डीईईओ वीरेंद्र नारा ने स्वागत किया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीसी स्वप्रिल रविन्द्र पाटिल ने कहा कि शिक्षा विभाग पहली से तीसरी कक्षा तक के स्कूली बच्चों को खेल ही खेल में गुणात्मक शिक्षा (qualitative education) प्रदान करने व शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए राज्य में निपुण हरियाणा मिशन शुरू किया गया है। इसमें बच्चों को पजल गेम, विभिन्न आकृति, बाक्स व पेंटिंग बनाकर विभिन्न खेल की वस्तुएं एकत्रित कर रूचिपूर्वक तरीके से शिक्षा प्रदान की जा रही है।

एडीसी ने कहा कि इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों की कमेटी भी बनाई गई है, जो प्रत्येक तीन माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा की नींव को मजबूत करने व आगामी कक्षाओं में विशेष रूचि लेकर जहां शिक्षा ग्रहण कर सकें वहीं कक्षा का सत्र पूरा होने से पूर्व छोड़ने पर अंकुश लगाना है। उन्होंने बताया कि इस मुहिम के तहत कमेटी के सदस्य स्कूलों में बच्चों की स्किल पास बुक का अवलोकन करेंगे तथा बच्चों में हुए ज्ञानवर्धन को अंकित करेंगे। उन्होंने शिक्षा विभाग की टीम को उल्लेखनीय कदम मिशन के तहत निभाने पर प्रोत्साहित किया।

जिला शिक्षा अधिकारी नसीब सिंह ने बताया कि बच्चों की गणित, अंग्रेजी, हिंदी अर्थात अन्य भाषा में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बच्चे सहजता से खेल ही खेल में शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने कहा कि डीसी अशोक कुमार गर्ग व एडीसी पाटिल के मार्गदर्शन में निपुण हरियाणा मिशन को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने में सक्रिय भूमिका शिक्षा विभाग की ओर से निभाई जा रही है।

एफएलएन समन्वयक चरण सिंह ने बताया कि निपुण हरियाणा मिशन के तहत मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का प्रशिक्षण जिले के सभी प्राथमिक अध्यापकों को करवाया जा चुका है और सभी अध्यापक एफएलएन के दिशा-निर्देशानुसार अध्यापन करवा रहे हैं। आवश्यक शिक्षण सामग्री का वितरण करते हुए शिक्षकों को प्रेरित भी किया जा रहा है। उन्होंने पॉवर प्रेजेंटेशन के तहत विस्तार से जानकारी दी।