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गरीब बच्चों ने डीसी ऑफिस के बाहर पाठशाला लगा किया विरोध प्रदर्शन

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गरीब बच्चों ने डीसी ऑफिस के बाहर पाठशाला लगा किया विरोध प्रदर्शन

नियम 134 ए के तहत प्राइवेट स्कूलों द्वारा गरीब बच्चों को दाखिला ना देने के विरोध में आज अभिभावक अपने बच्चों के साथ जिला सचिवालय पहुंचे. जहाँ डीसी ऑफिस के सामने ही पाठशाला शुरू कर मांग की गई कि उन्हें उनका हक़ दिया जाएँ,

डीसी अंकल हमें स्कूल में एडमिशन दिला दो … हमें अपना हक़ दिला दो …की मांग लेकर डीसी ऑफिस के सामने पाठशाला लगा धरना प्रदर्शन करते ये वो गरीब बच्चे है . जिनका नियम 134 ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला होना है. और उन्हें साथ खड़े ये इन बच्चों के अभिभावक है. जो अपने बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित है. लेकिन ये चिंता शायद शासन –प्रशासन को शायद बिलकुल नहीं है तभी ये बच्चे आज धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए है.

आपको बता दें कि नियम 134ए के तहत 5 दिसंबर को एक रिटर्न टेस्ट कराया गया था. जिस टेस्ट को पास करने वाले बच्चों को प्राइवेट स्कूल सरकार की तरफ से 15 दिसंबर को ऑलोट कर दिए गए थे. लेकिन इस बीच प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बैठक कर नियम 134ए के तहत आने वाले बच्चों के दाखिले से इनकार कर दिया/ प्राइवेट स्कूलों ने कहा कि सरकार जबतक पिछले सात वर्षो की बकाया राशी का भुगतान नहीं करती है. तब तक वो इन बच्चों का एडमिशन नहीं करेंगे. वहीँ समाजसेवी एडवोकेट कैलाशचंद ने कहा कि सरकार पैसे देना चाहती है लेकिन प्राइवेट स्कूलों की मनसा नहीं है कि गरीब बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ सकें. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल राजनेताओं या उनके करीबियों के है इसलिए सरकार प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं करती है.

यहाँ आपको बता दें कि नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों प्राइवेट स्कूलों में पढने का अधिकार है. सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में 10 फीसदी सीट गरीब बच्चों के लिए आरक्षित की हुई है. एक दिन पहले शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंचे अभिभावकों से शिक्षा अधिकारी ने आश्वाशन दिया था. प्राइवेट स्कूल एडमिशन लेने से इनकार नहीं कर सकते , अगर कोई एसा करता है तो उनके खिलाफ अभिभावक शिकायत करें ताकि वो नोटिस जारी करके कार्रवाई कर सकें.

बहराल दो घंटे से अभिभावक और बच्चे जिला सचिवालय पर धरना प्रदर्शन कर रहे है लेकिन किसी ने उनकी बात सुनने की जहमत नहीं उठाई है. और अभिभावक जबतक एडमिशन नहीं होता तबतक रोजाना यहाँ इसी तरह से पाठशाला लगा विरोध प्रदर्शन की बात कहें रहे है. ऐसे में जरुरी है की शासन –प्रशासन अपनी नींद खोले और बच्चों की तरफ ध्यान दें.