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हरियाणा में काटी जा रही पेंशनधारकों की पेंशन,क्या है नए नियम

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हरियाणा में काटी जा रही पेंशनधारकों की पेंशन,क्या है नए नियम

हरियाणा में 17 जून, 1987 को चौधरी देवीलाल ने 65 साल की उम्र के लोगों के लिए 100 रुपए महीना बुढ़ापा पेंशन शुरू की थी। 1 जुलाई 1991 को योजना की आयु सीमा 60 साल कर दी। नवंबर, 1999 तक प्रदेश में 200 रुपए महीना मिलते थे। अब यह 2500 रुपए महीना है। लाभार्थी अब बड़ी उत्सुकता से पेंशन का इंतजार करते हैं, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में बहुत से लोग अपने छोटे खर्च इसी राशि से चुकाते हैं। किसी महीने पेंशन लेट हो जाए तो, इसका सीधा असर उनके जीवन पर पड़ता है।

 

लेकिन अब हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कुछ लोगों की पेंशन काटी जा रही है. जिन पेंशनधारकों की आय दो लाख रुपये से ज्यादा है, उनकी समाज कल्याण विभाग की ओर से पेंशन काटी जा रही है। पेंशन कटने वालों में से प्रतिदिन 8 से 10 लोग विभाग के पास शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। आयु प्रमाणपत्र के बाद परिवार पहचान पत्र के फेर में बुजुर्गो की पेंशन उलझती जा रही है। परिवार पहचान पत्र में जिस दंपती की आय सालाना दो लाख रुपये से ऊपर की है। उनकी पेंशन कट रही है। वहीं नए और पुराने वोटर कार्डों का डाटा मैच न होने से भी बुजुर्गों के सामने मुसीबत खड़ी हो रही है।

हरियाणा में काटी जा रही पेंशनधारकों की पेंशन,क्या है नए नियम

बुजुर्ग काट रहे विभाग के चक्कर

परेशान बुजुर्ग अब पेंशन बनवाने और कटी हुई पेंशन को जुड़वाने के लिए विभाग के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। वहीं विभाग अधिकारियों के अनुसार जिले में करीब 90 हजार पेंशन लाभार्थी है। अब तक कितनों की पेंशन कट चुकी है इसका विभाग के पास कोई आधिकारिक रिकार्ड नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही उच्च अधिकारियों की तरफ से डेटा उन्हें दिया जाएगा  इसके बाद ही कोई सूचना दे पाएंगे।

 

जांचे जा रहे हैं कागज

कुरुक्षेत्र के जिला समाज कल्याण अधिकारी सुरजीत कौर ने बताया कि मुख्यालय की ओर से ही पेंशनधारकों के कागजात जांचे  जा रहे हैं। इस कार्य में जिला समाज कल्याण विभाग का कोई रोल नहीं है। वहीं जिला के कई ऐसे पेंशन धारक है जिनकी परिवार पहचान पत्र में दो लाख रुपये आय है उनकी पेंशन काटी गई है। विभाग में लोग समस्या लेकर आ रहे है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यालय की ओर से ही कागजात जांचे जा रहे हैं। इसमें जिला स्तरीय कोई भी काम नहीं हो रहा है। जिलेभर से बहुत से पेंशनधारकों की पेंशन काटी गई है लेकिन विभाग के पास इसकी कोई भी गिनती नहीं है।