शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में 5 मई को 10वीं से 12वीं तक के सरकारी स्कूलों के छात्रों व अध्यापकों को टैबलेट वितरण की शुरूआत की थी और अब तक 3 लाख से अधिक टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं तथा 10वीं कक्षा के परिणाम आने के बाद फिर टैबलेट वितरण का कार्य किया जाएगा। स्कूल के बच्चों को आईटी के टूल किट भी वितरित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चे किसी भी दृष्टि से कमजोर न रहें, इस दिशा में कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। आज बड़े-बड़े नामी-गिनामी निजी स्कूलों से भी बच्चे हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। संस्कृति मॉडल स्कूल एक अच्छा प्रयास है, इससे शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार आएगा।
उन्होंने कहा कि आज की कार्यशाला में जारी की गई डिजीटल लर्निंग की पुस्तिका एक उपयोगी दस्तावेज है, जिसमें विश्व भर में हो रहे शिक्षा परिवर्तनों की जानकारी दी गई है। नई शिक्षा नीति 2020 को देश में सबसे पहले क्रियान्वित करने की हरियाणा ने पहल की है और कहीं न कहीं आज का समिट भी उसी का हिस्सा है। आशा है कि दिन भर की चर्चा के बाद शिक्षा विशेषज्ञ अच्छे सुझाव देंगे और उन्हें शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शामिल किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने डिजीटल लर्निंग सोल्यूशन, डिजीटल क्लासरूम सोल्यूशन, डिजीटल बोर्ड सोल्यूशन, डिजीटल लैंगवेज लैब सोल्यूशन, सेक्योरिटी एण्ड सर्विलांस सोल्यूशन, स्कूलनैट, लर्निंग फॉर लाईट पर लगाई गई ई-एक्पो का अवलोकन भी किया।
विद्यालय शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह ने हरियाणा द्वारा अध्यापन कार्य में आईटी के अधिक से अधिक प्रयोग के बार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कोविड के दौरान शिक्षा विभाग को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, वह अन्य किसी विभाग को नहीं करना पड़ा क्योंकि विद्यार्थी स्कूलों से दूर थे और इस बीच अध्यापकों को ही ऑनलाइन कक्षाएं लेने का विकल्प दिया गया।