दक्षिण हरियाणा की महत्वाकांक्षी परियोजना माजरा एम्स निर्माण में हो रही देरी पर केन्द्रीय राव इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि पहले मनेठी गाँव के लोगों ने एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन दी थी. लेकिन मनेठी वालों ने उन्हें अँधेरा में रखा, जो जमीन दी जा रही थी वो फारेस्ट की जमीन निकली. इसलिए फारेस्ट एडवायजरी ने उक्त जमीन पर निर्माण पर रोक लगा दी थी. लेकिन अब माजरा गाँव के लोगों ने 210 एकड़ जमीन सरकार को दी है. जिसकी रजिस्ट्री प्रकिया करीबन पूरी हो गई है. हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर कह दिया है कि कब्ज़ा लेकर निर्माण की आगामी कार्रवाई शुरू की जाएँ.
राव इन्द्रजीत सिंह ने बिना नाम लिए विरोधियों पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय में उनकी इतनी टांग खिंचाई नहीं हुई जितनी की एम्स निर्माण को लेकर हुई है. लेकिन उन लोगों को वो बताने चाहतें है कि किसी भी प्रदेश को दो एम्स नहीं दिए गए. लेकिन हरियाणा ही ऐसा राज्य है जहाँ झज्जर के बाढ़सा में एम्स की कैंसर शाखा है और माजरा में एम्स का निर्माण होने जा रहा है.
बारिश रुकेगी तो सड़क मरम्मत का कार्य होगा शुरू
राव इन्द्रजीत सिंह से नेशनल हाइवे के गड्ढों से हो रही परेशानी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिस कांट्रेक्टर को हाइवे की मरम्मत का ठेका दिया था वो भाग गया था. जिसके बाद दूसरें कांट्रेक्टर को ठेका दिया गया और अब बारिश के कारण मरम्मत का कार्य नहीं हो सकता है. जैसे ही बारिश रुकेगी तो मरम्मत का कार्य शुरू हो जाएगा.
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के साथ हुआ भेदभाव
राव इन्द्रजीत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के साथ भेदभाव किया गया है. उन्होंने कहा कि जितना प्रदेश के दूसरें विश्वविद्यालय में बजट देकर कार्य किया गया है. उतना रेवाड़ी के आईजी विश्वविद्यालय में नहीं किया गया. इसलिए इस कमी को दूर करने के लिए वो लगे हुए है.