किसी भी देश में जब अच्छी सड़कों का नेटवर्क बनाया जाता है तो देश की अर्थव्यवस्था भी गतिशील हो जाती है। दरअसल सड़कें राष्ट्र की नसें और धमनियों की तरह काम करती हैं, जो विकास की गति को बदलने में मदद करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि समृद्धि हमारे देश के दूरस्थ कोने तक पहुंच सके। ‘न्यू इंडिया’ में आज राजमार्गों का अभूतपूर्व गति से विकास इसी शैली में किया जा रहा है ताकि देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके।
इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास की महत्वपूर्ण भूमिका
इस दिशा में केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे तमाम प्रयासों से भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में भी खास मदद मिलेगी। वहीं देश में सड़कों के अधिक विस्तार से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास में भी मजबूती मिलेगी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत ने देश में न केवल सड़कों का विस्तार करने का कार्य किया है बल्कि इस क्षेत्र में कई कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं।
8 साल में कितना हुआ सड़कों का विस्तार
आपको बता दे कि देश में एक दिन में सबसे अधिक सड़क बनाने के रेकॉर्ड से लेकर 05 घंटे और 33 मिनट में NH53 पर एक ही लेन में 75 किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट बिछाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तक शामिल हैं। साल 2014 में जहां देश में 91,000 किलोमीटर सड़कें थीं वहीं साल 2022 में भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 1 लाख 47 हजार है, जो लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार अब साल 2025 तक 2 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। फिलहाल भारत में राजमार्गों की लंबाई में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत किस प्रकार तेज गति से हाईवे बनाने के अपने रिकॉर्ड को लगातार सुधार रहा है। देश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के संबंध में पीएम मोदी का कहना हैं कि ”हम कोई भी फैसला लें, निर्णय लें, नीति बनाएं, इसके पीछे सबसे बड़ी सोच यही होनी चाहिए कि इससे देश का विकास और तेज होगा। हर वो बात, जिससे देश को नुकसान होता है, देश का विकास प्रभावित होता है, उसे हमें दूर रखना है। ईज ऑफ लिविंग के लिए जरूरी कनेक्टिविटी को प्राथमिकता देना जरूरी है।”
पीएम ग्राम सड़क योजना
बीते 8 साल में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई तेजी से बढ़ी है। हाइवे निर्माण की गति पिछले 8 साल में 12 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़कर अब 29 किलोमीटर प्रतिदिन हुई है। वहीं पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत पिछले 8 साल में 3.27 लाख किलोमीटर सड़कें बनी। 99% से अधिक गांव पक्की सड़क से जुड़े हैं।
पिछले कुछ साल में नेशनल हाईवे के निर्माण की गति
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि निस्संदेह पिछले कुछ साल में भारत ने सड़क संरचना के क्षेत्र में व्यापक प्रगति की है। 2009 से 2014 के बीच भारत ने हर साल औसतन 4 हजार 9 सौ 18 किमी नेशनल हाईवे का निर्माण किया। इस दौरान भारत ने करीब 12 किमी प्रतिदिन की गति से ये निर्माण किया। वहीं 2014 से 2021 के बीच भारत ने औसतन हर साल 8 हजार 9 सौ 93 किमी हाईवे बनाया। वहीं हाईवे बनाने की गति बढ़कर प्रतिदिन 29 किमी हो गई। बताना चाहेंगे वर्ष 2020-21 में भारत ने 11 हजार किलोमीटर हाईवे निर्माण का लक्ष्य रखा था, जबकि भारत ने इस अवधि में लक्ष्य से ज्यादा 13 हजार 3 सौ 27 किलोमीटर हाईवे का निर्माण किया और प्रतिदिन निर्माण की गति बढ़कर 37 किलोमीटर तक जा पहुंची
ज्ञात हो, पीएम मोदी ने बुंदेलखंड में 14,850 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित और उत्तर प्रदेश के 7 जिलों से गुजरने वाले 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। इस एक्सप्रेस-वे की आधारशिला खुद प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2020 में रखी थी। इस प्रकार देश ने यह ठाना है कि मजबूत बुनियादी ढांचे का लाभ 100 प्रतिशत लोगों तक पहुंचाना है।
इस वर्ष अब तक का सर्वाधिक बजट किया गया आवंटित
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2021-22 में सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए उपायों की घोषणा की थी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1,18,101 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया था। इसमें से 1,08,230 करोड़ रुपए की पूंजीगत लागत अब तक की सबसे अधिक है।
रोजगार के अवसर होंगे तैयार
साफ है कि देश में जितनी ज्यादा सड़कें तैयार होंगी उतना ही क्षेत्रों का विकास होगा और रोजगार एवं निवेश के अवसरों में बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ-साथ आसपास के कम विकसित क्षेत्रों में कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। इस प्रकार केंद्र सरकार देश में सड़क के निर्माण से प्रगति का मार्ग तैयार कर रही है।