Rewari: आईटीआई विभाग (ITI Department) में अनुबंध (contract employees ) आधार पर समान काम समान वेतन पालिसी के तहत लगे हुए अनुदेशकों को नौकरी से निकालने के लिए एक माह का नोटिस रद्द करने की मांग और 1366 सीटों को भरा हुआ मानने को लेकर आईटीआई (ITI) अनुबंध अनुदेशक संघ ने वीरवार को विधायक चिरंजीव राव को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में बताया गया है कि आईटीआई विभाग (ITI Department) द्वारा HSSC के विज्ञापन 12/2019 के तहत अनुदेशकों की नियमित आधार पर भर्ती पूर्ण करने उपरांत नवचयनित स्थाई अनुदेशकों को ज्वाइनिंग स्टेशन देने के हेतु लगभग 11 वर्ष से स्वीकृत पदों पर पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत लगे अनुबंध आधार के अनुदेशकों को सरप्लस बताकर SDIT Department द्वारा नोटिस जारी करते हुए नौकरी से निकालने का एक माह का नोटिस दिया गया है।
जबकि पक्के और कच्चे कर्मचारियों को मिला भी दिया जाए उसके बावजूद भी विभाग में 400 पद खाली बच जाएंगे। विभाग में वर्तमान में खाली पदों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिससे अनुबंध आधार पर लगे अनुदेशकों (contract employees ) के पदों को भरा मानकर खाली पड़े पदों पर नवचयनित अनुदेशकों को कार्यभार ग्रहण करवाने के बाद भी बहुत से पद खाली रह जाएंगे। इसलिए अनुदेशक संघ निवेदन करता है कि हमारे परिवारों के पालन पोषण तथा हमारे भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमारे रोजगार को सुरक्षित करने का कष्ट करें।
विधायक चिरंजीव राव ने अनुबंधित अनुदेशकों (contract employees ) का समर्थन करते हुए कहा जो लोग 10 वर्ष से हरियाणा सरकार में कार्य करके जनता की सेवा कर रहे हैं। उनको हटाने का अधिकार सरकार के पास बिल्कुल नहीं है उनकी एकदम से रोजी-रोटी छीनना बहुत निंदनीय है।अनुबंधित अनुदेशकों की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी उनके साथ है। हरियाणा सरकार को इस तरीके से किसी की नौकरी को छीनने नहीं दिया जाएगा। अनुबंधित अनुदेशकों (contract employees ) की लड़ाई विधानसभा में पूरे जोर-शोर से लड़ी जाएगी।
ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में पंचकूला में आंदोलन कर रहे सरपंचों पर लाठीचार्ज को लेकर विधायक चिरंजीव राव ने कहा सरकार तानाशाही पर उतर आई है। किसानों, बेरोजगार युवाओं, कर्मचारियों के बाद अब सरपंचों पर लाठीचार्ज किया है। जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों पर इस तरीके से लाठीचार्ज कि मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। प्रजातंत्र में लाठी और गोली के जोर पर सरकार नहीं चला करती। ई-टेंडरिंग को खारिज कर चुनी हुई पंचायतों को अधिकार दिया जाना चाहिए। प्रदेश में अपने हकों के लिए उठी हर आवाज को प्रदेश सरकार लाठीचार्ज से दबाना चाहती है।