हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पंचकूला के निर्देशानुसार न्यायिक परिसर रेवाड़ी, बावल व कोसली में शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेवाड़ी विमल कुमार की अध्यक्षता में व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेवाड़ी वर्षा जैन के मार्गदर्शन में लोक अदालत का आयोजन किया गया।
इस लोक अदालत मे विमल कुमार जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सुनिल कुमार दीवान, प्रधान न्यायाधीश पारीवारिक न्यायालय रेवाड़ी, डा.कोपल चौधरी सिविल जज रेवाड़ी, हरलीन कौर सिविल जज रेवाड़ी, सुधीर कुमार, अतिरिक्त सिविल जज बावल व मिनाक्षी यादव अतिरिक्त सिविल जज कोसली व संजय कुमार खंडुजा, प्रधान जिला उपभोक्ता आयोग रेवाड़ी व जगभूषण गुप्ता, चैयरमेन, स्थायी लोक अदालतों के द्वारा मामलों का मौके पर ही आपसी सहमति सें निपटारा किया गया।
इन मामलों का किया गया निपटारा
जिनमें 23 मोटर दुर्घटना मुआवजा के मामलों का निपटारा करते हुये 2,63,19,000/- रूपये मोटर दुर्घटना में मृतकों के आश्रितों/घायलों/याचीगण को व जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा 09 मामलो का निपटारा करते हुए 3,56,000-रूपये उपभोक्ताओ को स्वीकृत किये गये व अन्य मामलो का भी निपटारा किया गया। इसी तरह 26 चैक बाउंस व 51 दिवानी मामलें, 32 पारिवारिक मामले व 654 बिजली के मामलें व अन्य मामलो का भी निपटारा किया गया।
इस अवसर पर विमल कुमार जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेवाड़ी ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से विवादों का निपटारा जल्द कराया जा सकता है। लोक अदालत के माध्यम से निर्णित किये गये मामलों में आगे कोई अपील/पुनरीक्षण दायर नहीं की जा सकती, जिससे समय व धन दोनो की ही बचत होती है।
क़ानूनी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर
सीजेएम वर्षा जैन ने बताया कि इस लोक अदालत के माध्यम से जिला रेवाडी, बावल व कोसली की अदालतो व विभिन्न प्राधिकरणो द्वारा करीब 1035 मामलो का निपटारा किया गया। इसके अलावा जैन ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेवाड़ी द्वारा एक हेल्पलाइन नम्बर 01274-220062 चलाया हुआ है जिसपर आमजन किसी भी प्रकार की कानूनी जानकारी प्राप्त कर सकते है।
एक करोड़ का मुआवजा दिया
वर्षा जैन ने बताया कि इस लोक अदालत के माध्यम से माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल कुमार की अदालत द्वारा मोटर दुर्घटना मुआवजा केस मे निपटारा करते हुए याचीगण को एक करोड़ का मुआवजा दिया गया। इस मौके पर बीमा कम्पनी के अधिकारी व याचीगण के अधिवक्ता हाजिर रहे।