कॉम्पिटिशन के इस दौर में हर माँ- बाप का पहला सपना अधिकांश यही होता है कि उनका बच्चा बड़ा होकर डॉक्टर या इंजीनियर बने, जिसके लिए बच्चे को कड़ी मेहनत करनी पड़ी है. और कुछ बच्चों का ही सरकारी कॉलेज में हो पाता है. लेकिन रेवाड़ी के नैचाना गाँव निवासी ललित चौहान ने मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज दोनों में ही एडमिशन के लिए होने वाले नीट और जेईई मेन्स में सफलता हाँसिल की है. हजारों बच्चों में से कुछ ही ऐसे बच्चे होते है जो दोनों टेस्ट क्वालीफाई कर पाते है. स्केल इंस्टीट्यूट की पढ़ाई ने , बच्चे की मेहनत ने और अभिभावकों के साथ से ललित चौहान ने दोनों टेस्ट क्वालीफाई किये है.
स्केल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर नवीन शर्मा ने कहा है कि हर बच्चे में कोई ना कोई प्रतिभा छुपी होती है. ललित जब पहली बार उनके संसथान में आये थे तो उन्हें लगा था की थोडा मार्गदर्शन और पढ़ाई पर फोकस करने पर ललित कामयाब हो सकता है. ललित का मैथ भी काफी अच्छा था तो नीट के साथ जेईई मेन्स के लिए भी ललित परीक्षा में बैठे और दोनों में बेहतरीन प्रदर्शन करके सभी का नाम रोशन किया .
ललित चौहान के पिता का कहना है कि उनके गाँव का ये पहला बच्चा है जो अब डॉक्टर बनने जा रहा है. ललित की कामयाबी से ओर बच्चों को भी प्रेणना मिले. इस सोच के साथ गाँव नैचाना में गुरूवार को एक स्वागत कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. जहाँ स्केल इंस्टीट्यूट ने गाँव के और बच्चों का भी मार्गदर्शन किया. और हौनहार छात्र ने अपना अनुभव साँझा किया.
आपको बता दें कि ललित के पिता महाबीर चौहान एक निजी कपंनी में कर्मचारी है. जिनकी तीन बेटियां एक बेटा है. बेटे की तरफ बेटियां भी हौनहार है. पिता का कहना है कि जब वो दसवीं में थे तब अच्छे मार्क्स असली करने के बावजूद पारवारिक परिस्थितियों के कारण आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे, इसलिए उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दिया. उनकी सभी अभिभावकों से अपील भी है कि वो अपने बच्चों की पढ़ाई pपर ज्यादा ध्यान दें.