राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि आने वाले समय में बंगाल की खाड़ी में एक और शक्तिशाली चक्रवातीय तूफान ‘जवाद’ आने वाला है. उन्होंने बताया कि मानसून की वापसी के बाद भी देश के अधिकतर हिस्सों में बारिश की गतिविधियां होने के पीछे ला- नीना सक्रिय मौसम प्रणाली का विशेष योगदान रहा है. यह तूफान पहले अक्टूबर माह में बनने जा रहा था लेकिन उस वक्त वह केवल डिप डिप्रेशन लो प्रेशर एरिया में ही रहने की वजह से टल गया था. उस समय उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय मौसम प्रणाली वैस्टर्न डिस्टरबेंस के मिलन से उड़ीसा व आंध्र प्रदेश तथा उतरी पर्वतीय क्षेत्रों उत्तराखंड, मैदानी क्षेत्रों पर हुई बारिश और ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई थी, जिसकी आहट अब एक बार फिर से डरा रहीं हैं. मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, एनसीआर दिल्ली, हिमाचल प्रदेश पर 5-6 दिसंबर को येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है.
इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया जो बाद में डिप डिप्रेशन लो प्रेशर एरिया से एक शक्तिशाली चक्रवातीय तूफान जवाद बनने की संभावनाएं बन रही है जिसका लैंडफाल उड़ीसा व आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों पर तीन दिसंबर को होने की संभावना है, जिससे 70-80 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवाएं चलने की संभावना है. इसके साथ ही उत्तर दिशा में एक वैस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय सशक्त मौसम प्रणाली बन रही है और इस दौरान हवा की गति 30-50 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना जताई गई है. जिसकी वजह से मैदानी क्षेत्रों पर फिर से चक्रवात जवाद के प्रभाव से पूर्वी नमी वाली हवाओं व पछुआ हवाओं का मिलन होगा.
5-6 दिसंबर को बारिश की संभावना
चक्रवात जवाद के कारण पांच-छह दिसंबर को हरियाणा, एनसीआर दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड में बारिश की गतिविधियां देखी जा सकेंगी, पर्वतीय क्षेत्रों पर भारी हिमपात होगा और मैदानी भागों पर बारिश के साथ कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी देखी जाएगी. जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी और तेज हवा चलेंगी. जिसकी वजह से संपूर्ण इलाके में शीतलहर चलने की संभावनाएं बन रही है.