Highlander International School के सीईओ महेंद्र रुपेला, डायरेक्टर दिपांशु व चेतन्य ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में वो कई वर्षों से कार्य कर रहे है. लेकिन बदलते दौर में बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बढ़ा है और जरूरत से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करने से बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास होने में भी गिरावट आई है. बच्चे के भविष्य की नींव मजबूत करने के लिए उन्होंने रेवाड़ी में हाईलेंडर स्कूल की शुरुआत की है.
रेवाड़ी में पहले बार Day Boarding
बता दें कि पिछले करीब तीन दशकों से JRM Group शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है. रेवाड़ी शहर की टीपी स्किम में चल रहे JRM Public School की सेवाओं का विस्तार करते हुए प्रबंधन ने Rewari में नारनौल रोड़ स्थित कनुका मोड़ पर नए शिक्षण संस्थान Highlander School की स्थापना की है। विदेशी तर्ज पर स्थापित किए गए इस स्कूल में बच्चों को बैग लैस शिक्षा प्रदान की जाएगी। No Bag , No Homework और Day Boarding के कल्चर के साथ प्रारंभ किए गए Highlander International School में बच्चों को बैग ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
इसके अलावा अभिभावकों को घर पर कोई होमवर्क भी नहीं कराना होगा, सभी कार्य स्कूल में ही कराएं जाएंगे। इसके अलावा बच्चों में मोबाइल की बढती आदतों से छुटकारा दिलाने के लिए स्कूल परिसर में ही विभिन्न खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाएगी। रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ में पहली बार हो रहे इस प्रकार के प्रयोग से बच्चों का सर्वांगिण विकास संभव हो पाएगा।
क्षेत्र के बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा देने का प्रयास – अंजू रुपेला
स्कूल की चेयरपर्सन अंजू रुपेला ने बताया कि अभिभावकों व क्षेत्र के लोगों की मांग को देखते हुए नारनौल रोड़ स्थित कनुका मोड़ के समीप विश्व स्तरीय एजूकेशन की तर्ज पर Highlander International School की स्थापना की गई है। डे-बोर्डिंग इस स्कूल में बच्चा बिना बैग के आएगा और होमवर्क ही स्कूल में पूरा कराकर शाम को वापस घर जाएगा। शिक्षा के इस नए प्रारूप से एक ओर जहां अभिभावक बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी राहत महसूस करेंगे, वहीं बच्चा भी अपने परिवार के साथ पूरा समय व्यतीत कर पाएगा।
इस तर्ज की शिक्षा से बच्चा रहेगा तनाव मुक्त
क्योंकि आमतौर पर देखा गया है कि एक बच्चा पहले बढ़ते बैग के बोझ के साथ स्कूल का लंबा समय, उसके बाद ट्यूशन और घर पर आकर पुन: होमवर्क करने की प्रक्रिया में पूरा दिन चला जाता है जहाँ अन्य गतिविधियों के लिए बच्चे के पास समय ही नहीं बच पाता है।उन्होंने कहा कि हमारा ड्रीम रहा है कि अपने शिक्षण संस्थान Highlander के नाम की तर्ज पर बच्चों को ऊंचाइयों तक लेकर जाएँ और यह तभी संभव हो पाएगा, जब बच्चा तनाव मुक्त होकर शिक्षा ग्रहण कर पायेगा, साथ ही अन्य गतिविधियों में भी प्रतिभा के अनुसार सहभागिता कर पायेगा।