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रेवाड़ी में हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की बैठक,सौपी जिम्मेदारियां

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रेवाड़ी में हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की बैठक,सौपी जिम्मेदारियां

हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की एक महत्वपूर्ण मीटिंग दिल्ली रोड स्थित माउंट लिट्रा स्कूल रेवाड़ी में प्रदेश अध्यक्ष रामपाल यादव की अध्यक्षता में बुलाई गई. इस बैठक में एसोसिएशन के कोर ग्रुप सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जिला अध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्षों ने भाग लिया. प्रधान रामपाल यादव ने प्रस्ताव रखा कि संगठन को और अधिक प्रभावी करने के लिए संगठन में विस्तार की आवश्यकता है और विभिन्न पदों पर सदस्यों को जिम्मेदारियां देकर संगठन कार्यों को धार देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र को उठाने में हरियाणा प्रदेश में निजी विद्यालयों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है .परंतु वर्तमान दौर में विभाग में सरकार द्वारा निजी विद्यालयों के खिलाफ उनके हितों के विरुद्ध जो कार्य किए जा रहे हैं संगठन इसका पुरजोर विरोध करेगा.

 

सभी सदस्यों से विचार विमर्श एवं मंथन करने के उपरांत जिला रेवाड़ी के जिला प्रधान पद के लिए आरपीएस स्कूल कोसली के संचालक भगवान यादव को सर्वसम्मति से जिम्मेदारी दी गई. इससे पहले उनके पास संगठन में जिला महासचिव के पद का दायित्व था .काफी लंबे समय से प्रदेश कार्यकारिणी के साथ जुड़ कर भी निजी विद्यालयों के हितों के योगदान में वे महत्वपूर्ण योगदान दे रहे थे. साथ ही सी. आर भारतीय विद्या मंदिर बालावास जाट से चौधरी रणबीर सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई.

रेवाड़ी में हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की बैठक,सौपी जिम्मेदारियां

वहीं पूर्व राज्य प्रधान जवाहरलाल दूहन को एसोसिएशन का संरक्षक का दायित्व सौंपा गया है .कार्यकारिणी के विस्तार के उपरांत प्रदेश अध्यक्ष रामपाल यादव ने कहा कि शिक्षा विभाग निजी विद्यालयों को अस्थिर करने का जितना भी प्रयास करेगा .निजी विद्यालय उतने ही मजबूत होंगे और अपने दायित्व को और अधिक निष्ठा के साथ निभाएंगे.

 

एसोसिएशन शिक्षा विभाग के इस प्रयास को कभी सफल नहीं होने देगी और सरकार व विभाग की गलत नीतियों का पुरजोर विरोध करेगी. एसोसिएशन के संरक्षक का दायित्व निभा रहे जवाहरलाल दूहन ने कहा कि निजी विद्यालय शिक्षा के प्रचार प्रसार में सरकार के साथ तालमेल बनाकर अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं. अतः सरकार को चाहिए कि निजी विद्यालय के रास्ते में आ रही समस्याओं का उनके साथ बैठकर निराकरण करें और निजी विद्यालयों के हितों का पूरा ख्याल करें.