केंद्र सरकार ने गांव में रहने वाली महिलाओं के लिए नई सेवाएं शुरू करने जा रही है. जी हां, ये है ओवरड्राफ्ट सुविधा. आपको बता दें कि यह एक तरह का लोन होता है. इसके चलते कस्टमर्स अपने बैंक अकाउंट से मौजूदा बैलेंस से ज्यादा पैसे निकल सकते हैं. इसमें जितना अमाउंट निकालते है, उसे एक निश्चित अवधि के अंदर चुकाना होता है और इस पर ब्याज भी लगता है. ब्याज डेली बेसिस पर कैलकुलेट होता है.
महिलाओं को मिलेंगे 5 हजार रुपये
सत्यापित स्वसहायता सदस्यों को पांच हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति दिये जाने के विषय में वित्तमंत्री ने 2019-20 के अपने बजट भाषण में जो घोषणा की थी, उसके अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने देश के ग्रामीण इलाकों में महिला स्वसहायता समूहों की सदस्याओं को ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि वे अपनी आकस्मिक/आपातकालीन जरूरतों को पूरा कर सकें. एक अनुमान के अनुसार डीएवाई-एनआरएलएम के तहत पांच करोड़ महिला स्वसहायता समूह सदस्यायें इस सुविधा की पात्र हो जायेंगी.
इस योजना को अनुमति मिल जाने के बाद, भारतीय बैंक संघ, मुम्बई ने 26 नवंबर, 2021 को सभी बैंकों को राय दी है कि वे इस योजना को क्रियान्वित करें. अन्य आवश्यक विवरणों को भी साझा किया गया है. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने भी प्रक्रिया शुरू कर दी है और ग्रामीण इलाकों की महिला स्वसहायता समूह सदस्यायें यह सुविधा प्राप्त करने के लिये उन बैंकों की शाखाओं पर जायेंगी, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री जन -धन योजना के तहत अपने बचत खाते खुलवाए हुए हैं.
जानिए किसे मिलेगी ये सुविधा
आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा 18 दिसंबर, 2021 को दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत सत्यापित महिला स्वसहायता समूह सदस्याओं के लिये पांच हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा को आरंभ करेंगे.
इस कार्यक्रम में “डिस्कोर्स ऑन रूरल फाइनेन्शियल इंक्लूजन” (ग्रामीण वित्तीय समावेश पर परिचर्चा) को भी शामिल किया गया है, जिसमें बैंकों और राज्य मिशनों के शीर्ष पदाधिकारी हिस्सा लेंगे. वर्ष 2020-21 के दौरान डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत बैंकों को उनके कामकाज के लिये वार्षिक पुरस्कारों की भी घोषणा की जायेगी.
सरकारी बैंक और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से होगा. बैंकों के प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों/उप प्रबंध निदेशकों, कार्यकारी निदेशकों, मुख्य महाप्रबंधकों/महाप्रबंधकों तथा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों/राज्य प्रबंध निदेशकों का कार्यक्रम में हिस्सा लेने की आशा है.
जानिए क्या है दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रमुख योजना है, जिसका लक्ष्य है निर्धन महिलाओं को स्वसहायता समूहों जैसे सामुदायिक संस्थानों के जरिये लामबंद करना, ताकि ग्रामीण निर्धनता दूर हो सके. मिशन, समुदाय आधारित पुनर्भुगतान प्रणाली (सीबीआरएम) का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका प्रबंधन समुदाय करता है और जिसके तहत समिति में विभिन्न स्वसहायता समूहों या उनके संघों के प्रतिनिधि होते हैं. ये सभी स्वसहायता समूहों और बैंकों के बीच संपर्क की निगरानी की जिम्मेदारी निभाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि नियमों तथा सामाजिक दबाव के जरिये स्वसहायता समूह बैंकों को शीघ्र धनराशि चुका दें.
दूसरा लक्ष्य है बैंकों से आवश्यक ऋण तक उनकी पहुंच बनाकर उनकी आजीविका के आधार को मजबूत बनाना.इस मिशन की शुरुआत जून 2011 में हुई थी और 15 दिसंबर, 2021 तक 73.5 लाख स्वसहायता समूहों में 8.04 करोड़ महिलाओं को जोड़ा गया है. आशा की जाती है कि 2024 तक लगभग 10 करोड़ महिलाओं को स्वसहायता समूहों से जोड़ दिया जायेगा.
इस योजना के तहत 30 नवंबर, 2021 तक के इस वित्तवर्ष के दौरान, 27.38 लाख स्वसहायता समूहों को 62,848 करोड़ रुपये तक के ऋण बैंकों ने प्रदान किये हैं. अप्रैल 2013 के बाद से 4.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋणों तक महिला स्वसहायता समूह सदस्याओं की पहुंच बनी, ताकि अन्य चीजों के साथ रचनात्मक उद्यमों में समुचित निवेश हो सके. बकाया राशि 1,33,915 करोड़ से अधिक है, जिसमें फंसे हुए कर्ज सिर्फ 2.49 प्रतिशत हैं.