हरियाणा में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा रहा है । हरियाणा में सात साल के दौरान 85 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुकी प्रदेश सरकार का फोकस 2025 तक हर बेरोजगार युवक को रोजगार देने का है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है।
प्रदेश सरकार इस साल के अंत तक करीब दो लाख युवाओं को रोजगार देगी। बाकी सालों में सरकारी नौकरियों के साथ-साथ बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार दिए जाएंगे। परिवार पहचान पत्रों में दर्ज जानकारी के आधार पर प्रदेश सरकार ऐसे तमाम युवाओं को चिन्हित करने के काम में जुट गई है, जिनके पास कोई रोजगार नहीं है।
2025 तक बेरोजगारी खत्म करने का एजेंडा
बेरोजगारी दूर करने के पहले चरण में हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार दिया जाएगा। दूसरा चरण हर बेरोजगार युवक को रोजगार देने का होगा। मुख्यमंत्री का मानना है कि हर किसी को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती। इसलिए छोटी जोत वाले किसानों को आय बढ़ाने तथा उनके परिवार के बेरोजगार सदस्यों को रोजगार देने के लिए मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन और पशुपालन से जोड़ा जाएगा। पशुओं खासकर गाय, भैंस और बकरियों की डेरी खोलने के लिए सरकार इन युवाओं को ऋण तक मुहैया कराएगी। आरंभ में दो लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों में बेरोजगार लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। इसके बाद बाकी बेरोजगारों का नंबर आएगा। प्रदेश सरकार की योजना 2025 तक प्रदेश से बेरोजगारी पूरी तरह खत्म करने की है।
हरहित स्टोर खोलने की शुरुआत
प्रदेश सरकार हर जिले में अधिक से अधिक हरहित स्टोर खोलने की तरफ भी आगे बढ़ रही है। पूरे प्रदेश में करीब पांच हजार हरहित स्टोर खोलने की योजना है। तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने 71 हरहित स्टोर की शुरुआत की है। हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन के चेयरमैन राकेश दौलताबाद ने आत्मनिर्भर भारत की जगह आत्मनिर्भर हरियाणा का यह कांसेप्ट मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कृषि मंत्री जेपी दलाल के सामने रखा, जिसे तुरंत मंजूरी मिल गई। अब शहरों में 10 हजार की आबादी पर एक और गांवों में तीन हजार की आबादी पर एक-एक हरहित स्टोर खुलेगा। इनमें एक ही छत के नीचे 60 से अधिक कंपनियों के 550 से अधिक प्रोडेक्ट बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री के अनुसार, एक हरहित स्टोर से चार से दस लोगों तक को रोजगार मिलने की संभावना है। पांच हजार हरहित स्टोर खुलने के बाद इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा प्रदेश सरकार गांवों व शहरों में वीटा के बूथ, हैफेड के स्टोर, खादी भंडार और स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जाने वाले स्पेशल आउटलेट खोलने को लेकर गंभीर है। इन बूथ, स्टोर और भंडार पर लोगों की जरूरत का सामान उपलब्ध होगा। हरहित स्टोर पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जाने वाले प्रोडेक्ट बिक्री के लिए रखे जाएंगे। इससे गांवों व शहरों में महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।