जांचकर्ता ने बताया कि फरवरी 2022 में पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को गर्भ में लिंग जांच कराने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। डिकाय मरीज के जरिए स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल पर बिजेंद्र से संपर्क किया था। बिजेंद्र ने लिंग जांच के लिए 70 हजार रुपये की मांग की थी। डिकाय मरीज से बिजेंद्र ने 50 हजार रुपये एडवांस ले लिए थे।
आरोपी बिजेंद्र ने डिकाय मरीज को 23 फरवरी को पटौदी बस स्टैंड बुला लिया। वहां पहुंच कर बिजेंद्र ने मोबाइल पर रविचंद्र सिंह से संपर्क किया। कुछ देर बाद शकील नाम का युवक वहां पहुंचा। दोनों आरोपी मरीज को राजस्थान के जिला अलवर के कस्बा टपुकड़ा ले गए थे। दोनों डिकाय मरीज को टपुकड़ा के एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर ले गए थे। डायग्नोस्टिक सेंटर पर जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम ने आरोपी विक्रम व शकील को वहीं काबू कर लिया।
पुलिस ने शहर रेवाड़ी से तीसरे आरोपित बिजेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया था। शहर थाना पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ पीसी-पीएनडीटी एक्ट व धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने बुधवार को चौथे आरोपी रविचंद्र को गिरफ्तार कर लिया।