एडीसी स्वप्निल रवीन्द्र पाटिल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जो किसान डीजल पंप से सिंचाई कर रहे हैं उन्हें 3 एच0पी0 से 10 एच0पी0 तक के सौर ऊर्जा पंप 75 प्रतिशत अनुदान पर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि डीजल पंप से सिंचाई करने पर किसान का काफी खर्चा होता है तथा पर्यावरण भी दूषित होता है। इसके अलावा गौशालाओं, वाटर यूजर एसोसिएशन, सामूहिक सिंचाई सिस्टम को भी 75 प्रतिशत अनुदान पर सौर ऊर्जा पंप दिए जांएगे। उन्होंने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा 3 एच0पी0, 5 एच0पी0, 7.5 एच0पी0 व 10 एच0पी0 के सौर ऊर्जा पम्प 75 प्रतिशत अनुदान पर दिये जाएंगे।
किन्हें दिए जाएंगे ये सिस्टम
ये सिस्टम केवल उन्हीं किसानो को दिये जाएंगे जो किसान सूक्ष्म सिंचाई जैसे टपका सिंचाई अथवा फव्वारा सिंचाई योजना के तहत सिंचाई करते हो और अपने खेत में जमीनी पाईप लाइन दबाकर सिंचाई करते हों। उन्होंने बताया कि डार्क जोन के लिए नोटिफाईड क्षेत्र में नये टयूबवैल पर सोलर पम्प नही दिया जा सकता है। यदि किसान के पास पहले से टयूबवैल है और डीजल ईंजन से सिंचाई कर रहा है तो इस योजना का लाभ ले सकता है। जिन किसानों को पहले अनुदान पर सौर ऊर्जा पंप दिये जा चुके हैं वे इस योजना के तहत पात्र नही होगें। उन्होंने बताया कि एक किसान को केवल एक ही पंप दिया जाएगा। सोलर पम्प लगवाने के लिए 23 अगस्त 2022 से ऑनलाईन आवेदन शुरू होगें।
आवेदन के लिए नियम एवं शर्तें
एडीसी ने बताया कि आवेदक के नाम जमीन होनी अनिवार्य है। आवेदक के नाम टयूबवैल बिजली कनैक्शन नहीं होना चाहिए। जो आवेदक पहले इस स्कीम का लाभ प्राप्त कर चूका है, वह किसान पात्र नहीं होगा। परिवार पहचान पत्र अनिवार्य है। जो आवेदक सुक्ष्म सिंचाई व टपका विधि तथा फव्वारा या जमीन के नीचे से पाईप लाईन दबा कर सिंचाई करते है उन किसानों को इस स्कीम का लाभ दिया जाएगा। वितरण प्रणाली पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि प्रार्थी 23 अगस्त 2022 से
saralharyana.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। सोलर वाटर पंप पहले आओ पहले पाओ के आधार पर अलॉट किए जाएगें। किसी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए इस कार्यालय के परियोजना अधिकारी/सहायक परियोजना अधिकारी से कार्य दिवस समय में कमरा नं 205, प्रथम तल, लघु सचिवालय रेवाड़ी में सम्पर्क कर सकते है।