उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने कहा है कि दिव्यांग बच्चे समाज का हिस्सा है। सरकार और जिला प्रशासन दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हर समय प्रयासरत रहती हैं, और हर सम्भव सहयोग के लिए कार्य कर रही हैं।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह शुक्रवार को सेक्टर-3 स्थित गणेशीलाल गोयल धर्मशाला में विश्व दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य में नवप्रेरणा संस्था के 22वें वार्षिक उत्सव में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पूर्व दीप प्रज्जवलित कर उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि बच्चों का लालन पालन माता पिता तो करते ही है मगर सामाजिक संस्थाएं दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रही है, यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
डीसी यशेन्द्र सिंह ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए नवप्रेरणा संस्था को बधाई देते हुए कहा कि दिव्यांगजनों के लिए यह बहुत ही पुण्य का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन अपने आप को असुरक्षित न समझे, सरकार उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन हिम्मत बनाये रखे, उनमें भी आम आदमी जितनी क्षमता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजग आज हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने के लिए दिव्यांगों की श्रेणी 7 से बढ़ाकर 21 कर दी गई है।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस पर इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कर संस्था ने सराहनीय कार्य किया है। डीसी यशेन्द्र सिंह ने अपने निजी कोष से 21 हजार रूपए दिव्यांग बच्चों के लिए संस्था को प्रदान किए। इसके अलावा रैडक्रास सोसायटी के माध्यम से जरूरत अनुसार कृत्रिम अंग उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा।
संस्था के प्रधान हरीश मलिक ने मुख्य अतिथि डीसी यशेन्द्र सिंह व एडीसी आशिमा सांगवान का स्वागत करते हुए संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संस्था में 80 दिव्यांग बच्चों को स्कूल में शिक्षित किया जा रहा है तथा संस्था बच्चों को हर जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के लिए हर समय प्रयासरत रहती हैं। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांग बच्चों द्वारा देशभक्ति से ओतपोत कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। डीसी यशेन्द्र सिंह ने संस्था को सहयोग करने वालों को सम्मानित भी किया।