अंत्योदय उत्थान वर्ष के साथ ही हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सुशासन की दिशा में नई पहल करते हुए माडर्न रेवेन्यू रिकार्ड रूम में बरसों पुराने लगभग 47 लाख राजस्व अभिलेखों को डिजिटलाइज करते हुए पारदर्शिता के साथ कदम उठाए हैं। जिला रेवाड़ी मुख्यालय पर अब ये रिकॉर्ड कंप्यूटर की माउस की एक क्लिक पर आसानी से अपडेट रिकार्ड मिलेगा।
डीसी यशेन्द्र सिंह ने कहा कि रेवाड़ी जिला सरकार के निर्देशों की प्रभावी ढंग से पालना करते हुए जनहित में सकारात्मक कदम उठा रहा है। इसी श्रृंखला में डिजिटलाइजेशन प्रक्रिया के तहत महत्वपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड और दस्तावेजों को प्रशासन की ओर से सूचीबद्ध किया गया है और लघु सचिवालय के द्वितीय तल पर स्थित आधुनिक रिकॉर्ड रूम में बॉक्स में व्यवस्थित ढंग से पुराना रिकार्ड रखने के साथ ही रिकार्उ को डिजीटल प्लेटफार्म पर लिया है। उन्होंने बताया कि यह राजस्व रिकार्ड बहुत ही पुराना है और इन सभी पर बारकोड भी लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि अब जिला रेवाड़ी के पुराने राजस्व रिकॉर्ड को देखने के लिए लघु सचिवालय की द्वितीय मंजिल पर बनाए गए माडर्न रिकॉर्ड रूम में संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि राजस्व रिकार्ड को स्कैन किया गया है ताकि लोगों को डिजिटल मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर के माध्यम से उनकी संपत्ति से संबंधित रिकॉर्ड अति शीघ्र उपलब्ध हो सके। यह सरकार का डिजीटलाइजेशन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
डीसी ने बताया कि अब जमीन के पुराने राजस्व रिकॉर्ड को निकलवाने के लिए आम नागरिकों को इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राजस्व रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन करने के बाद अब माऊस की एक क्लिक पर सारा रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। राजस्व रिकार्ड को पहले देखने और ट्रेस करने में काफी समय लगता था। सारा रिकॉर्ड कपड़े की गठड़ियों में बंधा होता था। कई बार पुराने रिकॉर्ड ढूंढने में कई कई दिन लग जाते थे। संरक्षित रिकार्ड में कुछ तो बहुत ही ज्यादा पुराने हैं। रेवेन्यु रिकार्ड के डिजिटाइजेशन से पहले मैन्युअल तरीके से लोगों को पुरानी जानकारी लेने के लिए लंबा समय लगता है लेकिन माडर्न रेवेन्यु रिकार्ड रूम से अब यह सुविधा लोगों को एक क्लिक पर तत्काल मिलेगी।
माडर्न रिकार्ड रूम है पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत : मैनेजर
रिकार्ड रूम के मैनेजर अरविंद कुमार ने बताया कि माडर्न रिकार्ड रूम में सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया है जो पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत है। उन्होंने बताया कि रिकार्ड रूम में रिकार्ड को बॉक्स में व्यवस्थित ढंग से रखा गया है, जिससे रिकार्ड ढूंढने में परेशानी नहीं आती। उन्होंने बताया कि प्रत्येक बॉक्स पर एक बार कोड लगाया गया है, जिससे रिकार्ड ढूंढने में चंद मिनट ही लगते हैं। उन्होंने बताया कि रिकार्ड रूम में लगभग दो दर्जन सिस्टम लगे हुए हैं, जिन पर सारा काम होता है।