Home रेवाड़ी रूर्बन मिशन के कार्यो को निर्धारित समय अवधि में करें पूरा: सीईओ

रूर्बन मिशन के कार्यो को निर्धारित समय अवधि में करें पूरा: सीईओ

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सीईओ जिला परिषद रविन्द्र कुमार ने शनिवार को जिला सचिवालय सभागार में  श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन योजना (एसपीएमआरएम) के तहत जिले के गांवो में चल रहे विकास कार्यों की  समीक्षा करते हुए अधिकारियों को उक्त निर्देश देते हुए  कहा कि इस योजना के अंतर्गत विकास कार्यो के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है।

उन्होंने कहा  कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी अंतर को कम करना है तथा गांवों को ही रुर्बन की तरह विकसित किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के  तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और बेरोजगारी को दूर करना और  स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने सहित ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जाना हैं  । ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि प्रसंस्करण, कृषि सेवा, भंडारण,वेयर हाउसिग, मोबाइल हेल्थ यूनिट, स्कूल, पानी की सप्लाई, स्ट्रीट लाइट, गांवों के बीच संपर्क मार्ग, डिजिटल साक्षरता, सोलर लाईट, ई-ग्राम कनेक्टिविटी के लिए सिटिजन सर्विस सेंटर भी स्थापित किए जाने हैं। इसके लिए अधिकारियों को चाहिए कि वे अपने से जुड़े दायित्वों का निर्वाह पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से करें।

उन्होंने पशुपालन, शिक्षा, पंचायती राज, बीएंडआर, जन स्वास्थ्य, हरियाणा एग्रीकल्चर मार्केटिग बोर्ड से संबंधित विषयों की समीक्षा करते हुए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिए। उन्होंने  कहा कि जो अधिकारी अपने कार्य- दायित्वों को समय रहते जानबूझकर पूरा नहीं कर रहे हैं और कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसलिए सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनसे जुड़े सभी विकास कार्य एवं गतिविधि निर्धारित  समय में पूरा हो सकें। उन्होंने कहा कि जो कार्य प्रगति पर है उन कार्यो को शीघ्र पूरा करवाएं तथा नए कार्यो के लिए प्रस्ताव भेजने का काम भी जल्द से जल्द किया जाएं।

सीईओ जिला परिषद रविन्द्र कुमार कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत रेवाडी जिला के कोसली कलैस्टर के 18 गांव नामत: कोसली, नाहड, गुगोढ, नठेडा, गुडयानी, सुरेहली, नेहरूगढ, भाकली-1, भाकली-2, साहदतनगर, झाल, जुड्डी, छव्वा, कानहडवास, जाखल, मुन्डढा, मलेशियावास व शादीपुर चयनित किये हुए है। नाहड़ खंड के इन गांवों को इस योजना के लिए कोसली कलैस्टर के नाम से जाता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के साथ-साथ इन कलस्टर गांवों में जहां विकास कार्य होंगे वहीं रोजगार के अवसर भी लोगों को मिलेंगे।