शहर के हर गली मोहोल्ले में कूड़े का अम्बार लगा हुआ है. सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वो अभी अपने शहर को साफ़ स्वच्छ रखना चाहते है. लेकिन कर्मचारियों के भी बच्चे है और अधिकार है. सरकार कर्मचारियों का उत्पीडन कर रही है. उनकी मांग है कि समान काम समान वेतन का नियम लागू किया जाएँ.
वहीँ डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाले कर्मचारी भी वेतन ना मिलने से हड़ताल पर है. नगर परिषद के पास करीबन छोटे बड़े करीबन 45 वाहन है. जिनपर करीबन 30 ड्राईवर कांट्रेक्ट बेस पर काम कर रहे है. जिन्हें दो महीनों से वेतन नहीं मिला है. दूसरे जिलों में उनकी तरह काम करने वाले कर्मचारियों का 16 हजार वेतन है. लेकिन उन्हें साढ़े 11 हजार ही मिल रहे है. उन्हें ना ही पीएफ और ईएसआई की सुविधा दी जा रही है.