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रेवाड़ी: चिरंजीव राव ने अडानी मामले में SBI की मुख्य ब्रांच के सामने किया विरोध प्रदर्शन

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विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य राहुल गांधी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है। पूरे रेवाड़ी विधानसभा में टीमें बनाकर पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव और घर-घर जाकर जन समस्याएं सुनेंगे और उनका निदान कराया जाएगा। इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी महंगाई और बेरोजगारी सहित अनेक जन मुद्दों को सदन में भी जोर-शोर से उठाएगी। रेवाड़ी की समस्याओं को लेकर विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि रेवाड़ी के हालात किसी से छिपी नहीं है और वैसे भी अब चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। प्रदेश की जनता मौजूदा सरकार को करारा सबक सिखाएगी।

करीबी दोस्तों और चुनिंदा अरबपतियों को फायदा पहुँचाया मोदी सरकार ने : चिरंजीव राव

विधायक चिरंजीव राव ने कहा आम भारतीय की कीमत पर अपने करीबी दोस्तों और चुनिंदा अरबपतियों को फायदा पहुंचाने की मोदी सरकार की नीतियों से पूरा देश, खासकर मध्यम वर्ग चिंतित है। मोदी सरकार द्वारा अडानी समूह में एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश ने भारत के निवेशकों – एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी धारकों और एसबीआई के 45 करोड़ खाताधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इसी को लेकर जीवन बीमा निगम एवं भारतीय स्टेट बैंक के कार्यालय के सामने पूरे देश भर में कांग्रेस पार्टी द्वारा राष्ट्रव्यापी जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में हमने भी रेवाड़ी की मुख्य ब्रांच के सामने अपना विरोध प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कहा हम जानते हैं कि एलआईसी और एसबीआई जैसे पीएसयू हमारे देश का गौरव हैं और करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई से बने हैं। अपने सबसे अच्छे दोस्त की मदद करने के इरादे से मोदी सरकार ने जबरदस्ती एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अडानी समूह में निवेश किया है। एलआईसी ने अदानी समूह में भारी निवेश किया है और पिछले कुछ दिनों में एलआईसी के 39 करोड़ पॉलिसीधारकों और निवेशकों को 33,060 करोड़ का नुकसान हुआ है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और अन्य भारतीय बैंकों ने अडानी समूह को भारी मात्रा में ऋण दिया है।

भारतीय बैंकों का लगभग 80,000 करोड़ बकाया अडानी समूह पर

अडानी समूह पर भारतीय बैंकों का लगभग 80,000 करोड़ बकाया है। कांग्रेस पार्टी एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डालने के मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए संसद में लड़ रहे हैं। हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के तहत एक निष्पक्ष जांच हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में विस्तार से जांच की जाए और एलआईसी, एसबीआई और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के जबरदस्त निवेश पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए और निवेशकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।