साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बना कर लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन सामान की बुकिंग करते समय ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि थोड़ी सी भी असावधानी बरतने पर आप भी साइबर ठगी का शिकार हो सकते है। खरीदारी करते समय सही कंपनी और अधिकृत वेबसाइट का ही चुनाव करें। अपनी निजी जानकारी देने से बचें साथ ही सर्च इंजन पर कस्टमर केयर नंबर ढूंढने से बचें।
पुलिस अधीक्षक महोदय ने कहा कि साइबर ठगी से बचने का सबसे बेहतर उपाय तरीकों की जानकारी होना है, ऐसी किसी धोखाधड़ी से बचने के लिए आमजन का साइबर अपराध के प्रति सावधान रहना अति आवश्यक है। रेवाड़ी पुलिस की ओर से साइबर क्राइम से बचाने के लिए जागरूकता माह चलाया गया है। इसी तहत जिला पुलिस की विभिन्न टीमों द्वारा आमजन को साइबर क्राइम के विरूध ज्यादा से ज्यादा जानकारी देकर जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। जागरूकता ही साइबर क्राइम से बचने का बेहतर उपाय है।
ई-शॉपिंग पर सावधान:
पुलिस अधीक्षक ने साइबर जागरूकता माह अभियान के तहत जनता को नए ई-शॉपिंग ठगी के तरीके के बारे में आगाह किया जो पिछले कुछ हफ्तों में बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका अपनाया है जिसके तहत घरेलू सामान, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, दवाओं आदि जैसे कई दैनिक उपयोग के उत्पादों पर भारी छूट के नाम पर साइबर अपराधियों ने पीड़ितों के बैंक खातों तक पहुंच प्राप्त की है और बड़ी मात्रा में धोखाधड़ी की है।
साइबर अपराधी आमतौर पर ऐसे उत्पादों का विज्ञापन एसएमएस/ऑनलाइन पॉप-अप विज्ञापनों के माध्यम से करते हैं। ऐसे लिंक पर क्लिक करने पर वे एक फिशिंग वेबसाइट पर रीडायरेक्ट हो जाते हैं। वे आम तौर पर ऐसे उत्पादों को नकली वेबसाइटों पर बेच रहे हैं जो प्रसिद्ध ई-कॉमर्स वेबसाइटों जैसे कि फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, अमेज़न के समान छद्म शब्द अपनाते हैं।
उपचारात्मक उपायों के बारे में जानकारी देते हुए एसपी रेवाड़ी ने सोशल मीडिया साइटों पर ऐसे पॉप-अप विज्ञापनों/एसएमएस पर क्लिक करने के बारे में जनता को आगाह किया। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होता है या उसका शिकार होता है, तो उसे तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी सूचना देनी होगी या cybercrime.gov.in या नजदीकी पुलिस स्टेशन पर शिकायत दर्ज करें।
फ्रॉड 5G कॉल्स से सावधान रहें:
एसपी राजेश कुमार ने नए 5जी कॉलिंग घोटाले के बारे में जनता को आगाह किया। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका अपनाया है जिसके तहत वे उपयोगकर्ताओं को 5G नेटवर्क में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर कर रहे हैं क्योंकि उनका मौजूदा नेटवर्क शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा।
5G नेटवर्क में शिफ्ट करने के नाम पर, वे यह सुनिश्चित करते हैं कि पीड़ित के मोबाइल में एक स्क्रीन शेयरिंग ऐप डाउनलोड हो, जिसके माध्यम से वे अपने मोबाइल तक रिमोट एक्सेस प्राप्त कर सकें। इससे उनके बैंक खातों से धन की हानि होती है। ठगी होने तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी सूचना देनी होगी या Cybercrime.gov.in पर या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करे।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए निम्न बातों का रखें ध्यान :
- ऑनलाइन खरीदारी करते समय चेक करें वेबसाइट के यूआरएल में एचटीटीपीएस हो ना कि खाली एचटीटीपी।
- अगर कोई अपरिचित व्यक्ति किसी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहता है तो एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें। केवाईसी करने के नाम पर आपसे 1 या 10 रुपये आपके ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं, तो ऐसा नहीं करें।
- एटीएम बूथ पर पैसे निकालते वक्त सावधान रहे, सजग रहें ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे। कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी एटीएम बूथ से कार्ड के द्वारा ट्रांजैक्शन करें तो अपना पिन किसी को ना बताए ना दिखाएं।
- ट्रांजैक्शन करने में असमर्थ होने पर किसी भी अपरिचित व्यक्ति की सहायता ना लें।
- एटीएम से पैसे निकालने में कभी मदद लेनी पड़े तो केवल बैंक के कर्मचारियों या एटीएम बूथ में मौजूद गार्ड की सहायता लें।
- किसी भी व्यक्ति के साथ अपने बैंक डिटेल, एटीएम कार्ड नंबर, कार्ड की एक्सपायरी एवं कार्ड पर पीछे लिखे 3 डिजिट के सीवीवी नंबर को किसी के साथ शेयर ना करें।
- धोखाधड़ी होने की स्थिति में बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल कर अपने बैंक को सूचित करें।
- ऑनलाइन नेट बैंकिंग इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि ट्रांजेक्शन हमेशा अपने पर्सनल कंप्यूटर/लैपटॉप या फोन पर करें।
- किसी अपरिचित नंबर से आपके पास फोन मैसेज या व्हाट्सएप मैसेज पर कोई लिंक या फोटो आए तो उस पर क्लिक ना करें।
साइबर अपराध का शिकार होने पर तुरंत 1930 या 112 पर तत्काल कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करायें या भारत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से जिसका URL- https://cybercrime.gov.in है पर शिकायत करें। इसके अतिरिक्त मैनुअल रूप में नजदीकी थाने में जाकर थाने पर स्थापित साइबर हेल्प डेस्क या साइबर क्राइम थाना पर भी शिकायत कर सकते हैं।