अपनी जायज मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके से दिल्ली जा रहे किसानों को जबरन रोकना और भीषण ठंड में वाटर कैनल चलाना भाजपा सरकार की तानाशाही को ब्यां कर रहा है। दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से खतरा कब से हो गया। जितनी चौकसी किसानों के लिए की जा रही है उतनी चौकसी चीन सीमा पर की होती तो चीन देश की सरजमी पर घुसपैठ करने का दुस्साहस नही करता। उक्त बातें कहते हुए पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने कहा कि किसान भाईयों की शांतिप्रिय आंदोलन को कुचलने की तुच्छ चेष्ठा किसी भी सूरत में कामयाब नही होगी। जो किसान पूरे देश का पेट भरते हैं वे केवल न्यूनतम मूल्य को कृषि बिल में शामिल कराना चाहते हैं। लेकिन देशभर में उठ रही किसानों की आवाज़ को भाजपा लाठी व गोली के दम पर दबाने की साजिश रच रही है। हरियाणा सरकार द्वारा पंजाब व दिल्ली बार्डर को सील करने तथा किसानों को गिरफ्तार करने की कार्यवाही भाजपा-जजपा की बौखलाहट को दर्शाता है।
कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक मर्यादाओं को छिन्न-भिन्न कर देश-प्रदेश में अराजकता कायम करना चाहती है और पूंजीपति घरानों के हाथों में खेलकर जनविरोधी नीतियां जनता पर थोप रही है। तानाशाही तरीके से लोगों की आवाज़ को दबाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। परंतु देश के अन्नदाता को मारने के लिए जो तीन काले कानूनों को थोपा गया है वे इस सरकार को ले बैठेंगे। हरियाणा सहित पूरे देश का किसान वर्ग आज एकजुट होकर अपनी पीढिय़ों के भविष्य को बचाने के लिए किसी भी तरह के आंदोलन के लिए तैयार है। कांग्रेस पार्टी किसानों के हर संघर्ष में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ देगी। उन्होंने कहा कि खेत खलियान और मंडियों को खत्म करने की साजिश से जो तीन काले कानून संसदीय प्रणाली को ताक पर रखकर भाजपा ने जनता पर थोपे हैं, उनके विपरित परिणाम सबके सामने आने शुरू हो गए हैं।