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इंदौर में बना एशिया का सबसे बड़ा गोबर गैस प्लांट, पीएम करेंगे लोकार्पण  

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इंदौर में बना एशिया का सबसे बड़ा गोबर गैस प्लांट, पीएम करेंगे लोकार्पण  

आज यानि शनिवार को पीएम मोदी इंदौर में बने एशिया के सबसे बड़े गोबर धन प्लांट का वर्चुअली लोकार्पण करने वाले है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल हो रहे है. इसके शुरू होने के बाद इंदौर में करीब 400 बसें बायो-सीएनजी से चलने लगेंगी.कोरोना संक्रमित होने के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोपहर 1 बजे प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पण किए जा रहे कार्यक्रम में शामिल होगे. बता दें यहां पर गीले कचरे से 550 टन बायो सीएनजी रोज बनेगी. प्लांट सौर ऊर्जा से चलेगा. यहां पर बनने वाली गैस से सिटी बस चलाई जाएगी.

 

बताया जा रहा है कि ये बायो सी.एन.जी प्लांट पी.पी.पी. मॉडल पर आधारित है. इस प्लांट की स्थापना पर जहां एक ओर नगर निगम, इंदौर को कोई वित्तीय भार वहन नहीं करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर प्लांट को स्थापित करने वाली एजेंसी आईईआईएसएन नई दिल्ली द्वारा नगर निगम, इंदौर को प्रतिवर्ष ढाई करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में दिए जाएंगे.

इंदौर में बना एशिया का सबसे बड़ा गोबर गैस प्लांट, पीएम करेंगे लोकार्पण  

कैसे होगा इसका उपयोग

इस प्लांट में प्रतिदिन 550 एमटी गीले कचरे (घरेलू जैविक कचरे) को उपचारित किया जाएगा, जिससे 17 हजार 500 किलोग्राम बायो सी.एन.जी. गैस और 100 टन उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक कम्पोस्ट का उत्पादन होगा. इस प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो सी.एन.जी. में से 50 प्रतिशत गैस नगर निगम, इंदौर को लोक परिवहन की संचालित बसों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी. शेष 50 प्रतिशत गैस विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को बेची जा सकेगी. 4 डाइजेस्ट में स्लरी को डाला जाएगा जिससे बायोगैस तैयार होगी.

 

अभी 250 टन क्षमता के दो डाइजेस्टर में गीला कचरा डालकर बायो सीएनजी(CNG) गैस तैयार की जा रही. अन्य दो डाइजेस्टर में कल्चर तैयार हो रहा है, इसमें मार्च माह के शुरुआत में गीला कचरा डाल बायो सीएनजी (CNG) का उत्पादन शुरु किया जाएगा. इसमें 65 कर्मचारी यहां काम करेंगे और दो शिफ्ट में काम होगा. 400 सिटी बसों को बायो सीएनजी (CNG) उपलब्ध करवाने की योजना है. लोकार्पण के दिन 25 बसों को ईंधन दिया जाएगा. फरवरी माह के अंत तक 2 हजार किलो बायो सीएनजी (CNG) तैयार होगी. इस प्लांट से 1 लाख 30 हजार टन कार्बन डाई ऑक्साइड की प्रतिवर्ष बचत होगी. 2.5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष बायोसीएनजी बनाने वाली कंपनी नगर निगम को देगी.