सशस्त्र सेनाओं के सम्मान में बुधवार को जिला सैनिक बोर्ड के अध्यक्ष एवं डीसी अशोक कुमार गर्ग के मार्गदर्शन में रेवाड़ी में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया। जिला सचिवालय स्थित कार्यालयों में डीसी अशोक कुमार गर्ग, एडीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल सहित अधिकारियों व कर्मचारियों को जिला सैनिक बोर्ड की ओर से झंडा बैज लगाए गए। डीसी और एडीसी ने स्वेच्छा से अंशदान भी सैनिक पेटिका में डाला और आमजन से खुले मन से आर्थिक सहयोग करने की अपील की।
डीसी गर्ग ने कहा कि झंडा दिवस सेना के प्रति हम सभी के सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि झंडा दिवस हमें एक आदर्श अवसर प्रदान करता है, जिससे हम उदारतापूर्वक दान देकर सशस्त्र सेना के साथ स्नेह व कृतज्ञता प्रकट कर सकते हैं। गौरतलब है कि सशस्त्र सेना के सम्मान में प्रति वर्ष सात दिसम्बर को झंडा दिवस मनाया जाता है और इस दिन लोगों को एक विशेष झंडा देकर सैनिकों एवं उनके परिजनों की सहायता के लिए धन एकत्रित किया जाता है। उन्होंने कहा कि एकत्रित धन राशि प्रदेश सरकार के सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से युद्ध वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में अपंग हुए सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण पर व्यय की जाती है।
प्रदेश के वीर सपूत हमारी सशस्त्र सेनाओं का गौरव हैं इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम सब इस महान कार्य के लिए उदारतापूर्वक योगदान दें। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाओं के नि:स्वार्थ बलिदान और देश के प्रति सम्पूर्ण समर्पण के प्रति अपनी कृतज्ञता, सम्मान और एकजुटता दिखाते हुए सशस्त्र सेना झंडा दिवस को सफल बनाने में अपना सहयोग दें, ताकि सैनिकों के कल्याण के लिए अधिक से अधिक धनराशि एकत्रित की जा सके।
डीसी अशोक कुमार गर्ग ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर भारतीय जल, थल और नभ के सेनाओं के शूरवीरों के शौर्य, पराक्रम, साहस और बलिदान को नमन किया। उन्होंने सभी से वीर जवानों एवं उनके आश्रितों के कल्याण हेतु योगदान कर देश पर जीवन न्यौछावर करने वाले योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अमर शहीद के परिजनों तथा पूर्व सैनिकों के कल्याण तथा पुनर्वास कार्यों के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष की स्थापना की हुई है।
उन्होंने आमजन से अपील की कि वे मातृभूमि की रक्षा करने वाले वीर जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाए जाने वाले सशस्त्र झंडा दिवस पर कोष में स्वेच्छा से योगदान दें और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि हमें बहादुर जवानों की शहादत को हमेशा याद रखना चाहिए और उनके कल्याण के लिए स्थापित कोष में कुछ न कुछ योगदान अवश्य करना चाहिए।