Home रेवाड़ी बीजेपी विधायक से गुस्सा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शव यात्रा निकाल फूंका पुतला

बीजेपी विधायक से गुस्सा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शव यात्रा निकाल फूंका पुतला

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बीजेपी विधायक से गुस्सा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शव यात्रा निकाल फूंका पुतला

रेवाड़ी में विभिन्न मांगों को लेकर 52 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आज कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया . पुतला फूंकने से पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पुतले की शव यात्रा निकालकर और नारेबाजी करके रोष जाहिर किया.

 

आपको बता दें कि रिटायरमेंट सहायता राशी , बीमारी या दुर्घटना में मृत्यु होने पर सहायता राशी देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 8 दिसंबर से रेवाड़ी के नेता जी सुभाषचंद बोस पार्क में धरना प्रदर्शन कर रही है. इस बीच वो जेल भरो आन्दोलन करके भी अपना रोष जाहिर कर चुकी है. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में महिला एवं बाल विकास मंत्री के सामने भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यूनियन की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल अपनी बात रखने गया था. जहाँ कोसली विधायक लक्ष्मण यादव ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग की पैरवी करने की बजाएं उनकी बात को काट दिया. जिसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में रोष बढ़ गया.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और उनका समर्थन करने वाले श्रमिक संगठन का कहना है कि मंत्री ने तो उनकी बात को अच्छे तरीके से सुनकर मुख्यमंत्री के सामने मांगपत्र रखने की बात की, लेकिन कोसली विधायक लक्ष्मण यादव ने उनकी बात की पैरवी करने की बजाएं उनकी बात को काटने का प्रयास किया था. जिसके कारण रोष व्यक्त करने के लिए बीजेपी विधायक का पुतला फूंका गया है. जिनका कहना है कि विधायक जबतक माफ़ी नहीं मांगते उनके खिलाफ इसी तरफ से विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

बीजेपी विधायक से गुस्सा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शव यात्रा निकाल फूंका पुतला

आपको बता दें कि 29 दिसम्बर को मुख्यमंत्री की घोषणा के अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की ये मांगे है.

• आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को हरियाणा सरकार द्वारा मार्च 2018 में स्वीकृत कुशल व अर्द्धकुशल श्रमिक का दर्जा और छःमाही महंगाई भत्ता एरियर सहित लागू किया जाए.
• प्रधानमंत्री द्वारा अक्टूबर 2018 में घोषित 1500 एवं 750 रूपये की बढ़ोतरी लागू की जाए.
• रिटायरमेंट पर 3 लाख रूपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जाए.
• बीमारी व दुर्घटना में इलाज का पूरा खर्चा और मृत्यु होने पर 3 लाख रुपये व आश्रितों को नौकरी दी जाये.
• निजीकरण पर रोक लगे.
• पोषण ट्रैकर ऐप से रिपोर्ट देने की जोर जबरदस्ती न की जाए.