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शादियों की मची होड़: लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के प्रस्ताव के बाद

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शादियों की मची होड़: लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के प्रस्ताव के बाद

लड़कियों की शादी की क़ानूनी आयु  21 वर्ष बढ़ाने का प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी मिल जाने के बाद यह खबर आग की तरह फैल गई है। इस  खबर का सबसे ज्यादा असर मेवात में देखने को मिला है। मेवात में सप्ताह भर में 18 और 21 साल के बीच की उम्र की लड़कियों की करीब 450 शादियां हुई है। सूत्रों के मुताबिक वहां पर  सप्ताह भर में करीब 180 शादियाँ ही तय थी।वहां के स्थानीय वकीलों ने बताया की संयोग से गुरुवार को सरकार की घोषणा के बाद से कोर्ट मैरिज में भी तेजी आई है। गुरुग्राम में कोर्ट मैरिज करने वाले अंतरजातीय जोड़ो की संख्या सप्ताहांत में 4 गुना बढ़ गई है। गुरुग्राम की बात करें तो एक रिपोर्ट के मुताबिक अदालत में 20 शादियों के लिए आवेदन आए जबकि आमतौर पर 6 या 7 आवेदन ही आते हैं।इसी तरह से गुरुग्राम के मंदिरों में करीब 55 शादियां हुई जोकि 5 या 7 ही हुआ करती थीं।

 

 

कब-कब हुए शादी की उम्र में बदलाव

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश में समाज सुधार से जुड़ा एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लड़कियों की शादी की आधिकारिक उम्र 21 साल होने जा रही है। भारत में किसी को बालिग कहे जाने की उम्र 18 है लेकिन शादी के मामले में लड़कों की न्यूनतम उम्र 21 साल और थी। अब केंद्रीय केबिनेट ने विवाह के लिए लड़कियों की उम्र भी 21 वर्ष किए जाने के विधेयक को मंजूरी दे दी है। मौजूदा सत्र में ही सरकार इस विधेयक को पेश करेगी। देश में विवाह की उम्र रहा है इससे पहले 1978 में ये बदलाव किया गया था। तब 1929 के शारदा एक्ट में संशोधन किया गया और शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गई थी।

 

 

मेवात में लड़कियों की शादी की उम्र

यह कहानी सिर्फ एक लड़की की नहीं है क्योंकि महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने वाले विधेयक को सरकार की मंजूरी ने मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र विशेष रूप से नूंह जिले में कई लोगो को परेशान कर दिया है.वहां पर आमतौर पर लड़कियों की शादी जल्दी कर दी जाती है लेकिन इस नियम के आने के बाद से वहां के लोगो की धड़कने बढ़ा दी है। नूंह देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है। इस क्षेत्र में 18 से 20 वर्ष की आयु की लड़कियों के सप्ताह में सैकड़ो शादी हुई है।

 

नूंह के एक इमान इमाम मुस्ताक ने मीडिया को बताया कि मेरे पास ऐसे दूल्हों के भारी संख्या में प्रस्ताव आ रहे है जो दो दिन  के भीतर शादी करने के लिए तैयार है। विडंबना यह है कि नूंह की लड़कियों ने शादी की उम्र में वृद्धि की मांग को लेकर एक अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया था। विवाह योग्य उम्र बढ़ाने के लिए हरियाण में अभियान की अगुवाई करने वाले सुनील जागलान ने कहा की लडकियों के माता –पिता लड़कियों की शादी के लिए भागते हुए दिख रहे हैं, हम चाहते हैं कि इस तरह के विवाहों का पंजीकरण कानून पारित होने तक रोक दिया जाए।

 

विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली लड़की का दर्द

नाम न बताने की शर्त पर फिरोजपुर झिरका की लड़की ने बताया कि जब में पांच साल की थी तो मुझे पता था कि मेरा पति कौन होगा। वह मेरी चाची का रिश्तेदार है।उसने बताया की मैं शिक्षित परिवार से हूं और अपने परिवार से दिल्ली विश्वविद्यालय जाने वाली पहली लड़की हूँ। मुझे हॉस्टल में रहने दिया गया और शादी के बारे में कभी बात नहीं की गई। हालांकि हाल ही में मैं मेरी माँ के साथ में खरीददारी करने के लिए निकली तो मेरे पिता ने फोन किया और अचानक मेरी मां ने सलवार कमीज अलग रख दी और दुल्हन के गरारे की तलाश शुरू कर दी। जब हम घर पहुंचे तो मुझे बताया गया कि महिलाओं की शादी की उम्र 21 साल करने के लिए एक नया कानून बनाया जा रहा है। मेरा परिवार शादी जल्दी करना चाहता था, इस डर से कि लड़का और उसका परिवार 3 साल और इंतजार नहीं करेगा शादी अब इसी सप्ताह तय कर दी गई है।