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रेवाड़ी : ग्राम पंचायत बहाला की भूमि को नीलाम करने के मामले पर कार्रवाई, ग्राम सचिव चार्ज शीट

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DC order, traffic divert ,Rewari circular road

डीसी गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत बहाला के संदर्भ में गांव की कृषि योग्य शामलात भूमि को नीलाम करने बारे दी गई शिकायत के आधार पर डीडीपीओ रेवाड़ी द्वारा की गई जांच में सामने आया कि कार्यकारी अभियन्ता पंचायती राज रेवाड़ी की रिपोर्ट वर्ष 2012 से 2015 के दौरान करवाए गए विकास कार्य ग्राम सभा में अनुमोदन से किए गए थे एवं सरपंच को कार्य करवाने के लिए अधिकृत किया गया था। इसके बाद उक्त कार्यों की अदायगी हेतु प्रस्ताव पास किए गए लेकिन पंचायत का कोरम पूरा न होने के कारण उक्त विकास कार्यों की अदायगी नहीं हो सकी। बिना कोरम के प्रस्ताव व बिना वर्क आर्डर के एमबी भरने में तत्कालीन कनिष्ठ अभियन्ता ओमप्रकाश पूर्ण रूप से दोषी हैं।

डीसी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी नाहड़ से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार ग्राम सचिव नरेश कुमार द्वारा 7 दिसंबर 2021 को खंड कार्यालय से मार्ग दर्शन मांगा गया। जिसके उपरान्त खण्ड कार्यालय के तहत 10 जनवरी 2022 द्वारा सहायक जिला न्यायवादी पंचायत रेवाड़ी से मार्गदर्शन बारे पत्र जारी किया गया जिसका जवाब 18 जनवरी 2022 को प्राप्त हुआ।

इसके बाद प्रशासक ग्राम पंचायत बहाला कम खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी नाहड़ के द्वारा पंचायत प्रस्ताव पर अपील दायर करने व इससे सम्बन्धित खर्च के लिए 2,50,000/- रुपए की स्वीकृति के लिए उपमंडल अधिकारी (ना.) कोसली की सेवा में लिखा गया, जिसकी स्वीकृति दिनांक 18 फरवरी 2022 को प्राप्त होने उपरान्त ग्राम पंचायत बहाला मार्फत प्रशासक  करतार सिंह की तरफ से दिनांक 11 मार्च 2022 को अतिरिक्त जिला जज रेवाड़ी के न्यायालय में अपील दायर की गई थी।

उस समय खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी धारूहेड़ा  करतार सिंह के पास खण्ड खोल व नाहड का अतिरिक्त चार्ज था। ऐसी सूरत मे ग्राम सचिव नरेश कुमार का कर्तव्य बनता था कि वह न्यायालय के फैसले के विरूद्ध अपील दायर करने के सम्बन्ध मे सभी आवश्यक कागजात तुरन्त तैयार करवाकर खण्ड अधिकारी नाहड़ को प्रस्तुत करता, परन्तु ग्राम सचिव नरेश कुमार द्वारा ऐसा ना करके कर्तव्य पालना में कोताही करके लापरवाही का परिचय दिया है, जिसके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाही करने की सिफारिश की गई।

नियमों की अनदेखी करने पर कार्रवाई : डीसी

डीसी ने बताया कि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी नाहड़ की रिपोर्ट अनुसार एग्जीक्यूशन का नोटिस ग्राम पंचायत के नाम 28 दिसंबर 2021 का तामिल हुआ था जिसमें आगामी तिथि 20 जनवरी 2022 निश्चित थी। निश्चित तिथि पर कर्मबीर ग्राम सचिव हाजिर हुआ। इसके बाद 10 मार्च 2022 तिथि निश्चित हुई जिसमे उस समय ग्राम पंचायत बहाला मे कार्यरत ग्राम सचिव ध्रुव भगत द्वारा न्यायालय में हाजिर न होने के कारण एक्स-पार्टी हुए, जिसके लिए वह पूर्ण रूप से दोषी है।

पंचायत / प्रशासन द्वारा 23 सितंबर 2022 को एक्स-पार्टी तुड़वा दी गई थी. जिसमें आगामी तिथि 18 अक्टूबर 2022 निश्चित थी। उपरोक्त बिन्दुओं के अतिरिक्त जहां तक ग्राम पंचायत भूमि पट्टे पर ना छोड़ने बारे शिकायत की गई है उस सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि अमर सिंह (टेका) बन्शीराम द्वारा अतिरिक्त सिविल जज (सिनियर डिविजन) कोसली के न्यायालय में दायर केस के संबंध में निवर्तमान ग्राम पंचायत बहाला द्वारा प्रस्ताव की पालना में 60,79,000 रुपए की एवज में ग्राम पंचायत की पंचायत भूमि खेपट नंबर 214 खतोनी नंबर 240 मुस्तील नंबर 34 किला नंबर 16, 17, 18 रकबा 24 कनाल बतौर प्रतिभूमि अदालत में पेश करने बारे पारित किया हुआ है, जबकि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी नाहड़ की रिपोर्ट अनुसार ग्राम पंचायत  बहाला की 28 एकड़ भूमि हर वर्ष कृषि उद्देश्य हेतु पट्टे पर छोड़ी जाती रही है।

वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तावित भूमि पट्टे पर छोड़ने बारे खण्ड अधिकारी द्वारा 2 मई 2022 व 19 मई 2022 तिथि निश्चित करने उपरांत ग्राम सचिव नरेश कुमार द्वारा 19 मई 2022 को बोली छोड़ते समय पट्टा रजिस्टर में बिना किसी उच्च अधिकारी से मन्त्रणा पर यह शर्त दी गई गई कि शामलात भूमि अमर सिंह बनाम ग्राम पंचायत बहाला में एटैच की हुई है अगर भविष्य में पंचायत भूमि की नीलामी की पट्टेदार का नियमानुसार पट्टा राशि बिना ब्याज वापस कर दी जाएगी।

निदेशक विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा चण्डीगढ़ की हिदायत अनुसार पट्टे की राशि पिछले वर्ष की तुलना में कम से कम 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होनी चाहिए थी। इस प्रकार नरेश कुमार ग्राम सचिव ग्राम पंचायत बहाला द्वारा ग्राम पंचायत की शामलात भूमि को निदेशालय की हिदायतों की पालना में समय पर ना छोड़कर तथा पिछले वर्ष से तुलना में कम बोली पर छोड़कर ग्राम पंचायत को आर्थिक हानि पहुंचाई है। जिस संबंध मे उक्त ग्राम सचिव के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही करने की सिफारिश की गई है।