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क्या कॉविड से मरने वालों के आश्रितों को सरकार दे रही आर्थिक सहायता !

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क्या कॉविड से मरने वालों के आश्रितों को सरकार दे रही आर्थिक सहायता !

क्या कॉविड से मरने वालों के आश्रितों को सरकार दे रही आर्थिक सहायता !

कॉविड से मरने वालों के आश्रित परिवार को हरियाणा सरकार क्या आर्थिक सहायता दें रही है ! तो उसका जवाब है नहीं | ये हम नहीं बल्कि रेवाड़ी के एडवोकेट द्वारा लगाईं गई आरटीआई के जवाब में डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू एंड डिजास्टर मैनेजमेंट हरियाणा ने दिया है . दरअसल रोजाना अखबारों में ख़बरें आ रही है कि सरकार कॉविड से मरने वाले गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. लेकिन किसी भी विभाग में पूछते है तो जवाब मिलता है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

इसी सवाल के जवाब के लिए रेवाड़ी के समाजसेवी एडवोकेट कैलाशचंद ने  हरियाणा सरकार के विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू एंड डिजास्टर मैनेजमेंट को  4 मई को सूचना मांगी थी कि कोरोना महामारी से मृत्यु होने पर मृत महिला/पुरुष के परिवार को क्या कोई सहायता राशि दी जाती है, जिस पर 28 मई को डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू एंड डिजास्टर मैनेजमेंट हरियाणा ने जवाब में कहा कि महामारी से मरने वाले आश्रित परिवारों को कोई भी सहायता राशी देने का प्रावधान नहीं है.

यहाँ आपको बता दें कि एक सप्ताह पहले सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा था कि गरीब परिवार में यदि कमाने वाले की मृत्यु हो जाती है तो उस परिवार को भूखों मरने की नौबत आ जाती है। ऐसे में हमारे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस त्रासदी को भी समझा और ऐसे परिवारों को सहारा देने के लिए निर्णय किया कि 1 मार्च, 2021 से 31 मई तक 18 से 50 वर्ष की आयु के व्यक्ति की कोविड से मृत्यु होने पर बी.पी.एल. परिवार को 2 लाख रुपये की राशि का एक्सग्रेशिया अनुदान दिया जाएगा।

डॉ बनवारी लाल ने कहा था कि 31 मई के बाद कोविड सहित किसी भी कारण से मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये का बीमा करवाने की योजना शुरू कर दी। इस योजना में बी.पी.एल. अथवा 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवार के 18 से 50 वर्ष की आयु के व्यक्तियों के पंजीकरण के लिए मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना का पोर्टल  https://cm-psy.haryana.gov.in 15 मई से पुन: खोल दिया गया है, पंजीकरण सीधे लाभार्थी द्वारा या सी.एस.सी./स्थानीय ऑपरेटर के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। इस योजना में गरीब परिवार को कोई बीमा प्रीमियम भी नहीं देना है, क्योंकि प्रति व्यक्ति 330 रुपये के बीमा प्रीमियम का भुगतान अथवा उसकी प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी।

एडवोकेट कैलाशचंद ने कहा है कि अन्य राज्यो में इस प्रकार की महामारी में मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को 4 लाख तक कि सहायता राशि देने का प्रावधान है,  पहले हरियाणा में राजीव गांधी बीमा योजना के तहत हरियाणा में 2 लाख रुपये सहायता राशि देने का प्रावधान था, जिसको सरकार ने 2017 में स्कीम का नाम बदल कर डॉ श्यामा मुखर्जी बीमा योजना कर दिया था, जिसके उपरांत एक वर्ष बाद ही उसे भी बंद कर दिया, अब हरियाणा के लोगो को इस मुसीबत में कोई भी सहायता राशि नही दी जा रही है, 

कैलाश चंद एड्वोकेट की इस मांग की सूचना पर हरियाणा सरकार ने पत्र को केंद्र सरकार के जॉइंट डायरेक्टर (डी एम), रुम नम्बर -193-ए-1, नार्थ ब्लॉक, मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर, नई दिल्ली 110001,को भेज दिया है कि अगर केंद्र सरकार के माध्यम से इस प्रकार की कोई योजना है तो कैलाश चंद  को सूचना प्राप्त दी जाए, कैलाश चंद की मांग है कि कोरोना महामारी मृत्यु को प्राप्त होने वाले के गरीब परिवार को कम से कम 10 लाख रुपये सहायता राशि दी जानी चाहिये, क्योकि सरकारी कर्मचारियो को इस महामारी में मृत्यु होने पर सरकार उसके परिवार को सहायता प्रदान करती है इसी प्रकार गरीब परिवारों को भी कम से कम 10 लाख रुपये तो दिए जाय जिससे उसके बच्चो को खाने -पीने, व जीवन निर्वाह करने में कुछ सहयोग हो सके, अब इंतजार है  कि केंद्र सरकार इन गरीब परिवारों की सहायता हेतु आगे आती है या नही!