अयोध्या में 5 अगस्त को मंदिर के शिलापूजन का एक साल पूरा होगा। कई दशकों से चल रही लड़ाई के बाद आखिरकार अब राम मंदिर बनने का सपना पूरा होने जा रहा है। नींव के निर्माण का 60% काम पूरा हो चुका है। इस बार यहां 11 अगस्त से शुरू हो रहे सावन मेले को भी खास बनाने की तैयारी हो रही है।
मान्यता के मुताबिक यह मेला सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से 12 दिन चलता है। इस बार मेले में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला को चांदी के पालने पर झुलाने का फैसला लिया है। ऐसा 500 साल बाद हो रहा है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक गोपालजी ने सोमवार को झूले का माप लिया है। वहीं गर्भगृह को सोने से बनवाने की मांग भी उठने लगी है।
मणिपर्वत झूला से शुरू होगा सावन मेला
शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कनक भवन मणिराम दास जी की छावनी, श्रीरामवल्लभाकुंज, दशरथ महल, कोशलेस कुंज जैसे सौ से ज्यादा मंदिरों से भगवान की मूर्तियां मणिपर्वत पर झूलने के लिए समारोह पूर्वक ले जाई जाती हैं। मणिपर्वत झूला के बाद मूर्तियां वापस आने पर पूरे सावन के महीने में उत्सव चलता है।
कुछ संतों ने मांग की थी कि रामलला जब विवादों से मुक्त हो चुके हैं तो उन्हें भी मणिपर्वत झूले के लिए ले जाया जाना चाहिए। इस पर श्रीराम वल्लभाकुंज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला बालरूप में हैं। इस अवस्था में वे अत्यन्त कोमल हैं और मां की गोद ही बच्चे के लिए सबसे बढ़िया झूला है। इसलिए सुरक्षा और रामलला की अवस्था को देखते हुए यह मांग कतई उचित नहीं है।
शिवसेना ने की सोने का गर्भगृह बनाने की मांग
शिवसेना ने अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर का गर्भगृह सोने का बनाए जाने की मांग की है। शिवसेना पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख और विवादित ढांचा ढहाने के आरोपी रहे संतोष दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में चिट्ठी भेजी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि भगवान रामलला के मंदिर का गर्भगृह सोने का बनाया जाए। 500 साल के कड़े संघर्ष के बाद यह मंगल समय आया है। दुबे का कहना है कि राम मंदिर के भूमि पूजन को 5 अगस्त को एक साल पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री को उसी दिन सोने का गर्भगृह बनाने का ऐलान कर देना चाहिए।
source: bhaskar