दिल्ली –जयपुर नेशनल हाइवे पर स्थित हरियाणा का ओद्योगिक क्षेत्र धारूहेड़ा वर्षों से जलभराव की समस्या का सामना कर रहा है. और यहाँ के लोगों के लिए बारिश के दिनों में ये समस्या इतनी बढ़ जाती है कि लोगों के घरों में पानी घूस जाता है. और ऐसा होता इसलिए है क्योंकि पानी निकासी के उचित प्रबंध नहीं है और राजस्थान से बारिश के पानी के साथ कैमिकल युक्त पानी हरियाणा में छोड़ा जाता है.
ये तस्वीरे है देश की लाइफलाइन कहें जाने वाले दिल्ली जयपुर नेशनल हाइवे नंबर 48 की है.. जहाँ हाइवे की सर्विस लाइन रेवाड़ी के धारूहेड़ा में पूरी तरह से पानी में डूबी हुई है और ग्रीन बेल्ट में तो सड रहा है. और ऐसा ही हाल ओद्योगिकी नगरी धारूहेड़ा के सेक्टर छह , हाउसिंग बोर्ड कॉलनी और आसपास के इलाके का है ..जहाँ लोग वर्षो से नरकीय जिन्दगी जीने को मजबूर है. इस इलाके के नजारा देख कर तो ऐसा लगता है की सब राम भरोसे चल रहा है. ऐसा नहीं है कि यहाँ के लोगों ने रोष व्यक्त नहीं किया , स्थानीय लोगों ने शासन – प्रशासन से खूब गुहार लगाईं , एक हफ्ते में दो बार धारूहेड़ा भिवाड़ी मोड़ पर जाम लगा रोष जाहिर किया, सोमवार को तो गुस्साएं लोग दिल्ली जयपुर हाइवे पर उतर आये थे. और बीती रात भी धारूहेड़ा – भिवाड़ी मोड़ पर मट्टी डालकर पानी रोकने की लोगों ने कोशिस की थी. जिसे पुलिस ने हटवा दिया ..क्योंकि राजस्थान से हरियाणा में आने वाले रस्ते पर यातायात का काफी दबाव रहता है.
रेवाड़ी प्रशासन का कहना है कि पानी निकासी के लिए कार्य किया जा रहा है .. लेकिन बारिश ज्यादा होने और राजस्थान की साइड से भी पानी आने से पानी अभी धारूहेड़ा में भरा हुआ है . उन्होंने कहा कि एनजीटी ने राजस्थान प्रदुषण बोर्ड को 154 करोड़ रूपए जारी किये है ..जिसपर राजस्थान सरकार ने एसटीपी प्लांट लगाने के लिए टेंडर करके काम शुरू कर दिया है. जिसमें करीबन एक साल लग जायेगा .
बहराल धारूहेड़ा में अभी भी पानी जमा है ..जिसकी निकासी का कोई प्रबंध नहीं है. और बारिश होते ही राजस्थान से पानी हरियाणा में घूस आता है ..इसलिए फिलहाल इस समस्या का कोई हल नहीं है ..उम्मीद है की अगले मानसून में लोगों को इस समस्या से राहत मिल पाएगी.