भारत में जल्द ही बिना इन्टरनेट के डिजिटल भुगतान हो सकेगा .जानकारी के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को देश भर में ऑफलाइन मोड में खुदरा डिजिटल भुगतान करने के लिए एक रूपरेखा पेश करने का प्रस्ताव रखा है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने तेजी से ऑनलाइन पेमेंट करने वाली व्यवस्था IMPS की लिमिट भी बढ़ा दी है. भारत में डिजिटल पेमेंट्स तेजी से बढ़ रहे हैं और मोबाइल ऐप के जरिए भी लोग छोटे-बड़े भुगतान कर रहे हैं. लेकिन कई बार इंटरनेट की वजह से डिजिटल भुगतान नहीं हो पाता है. अब भारतीय रिजर्व बैंक एक ऐसा ढांचा तैयार कर रहा है जिसके तहत ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट मुमकिन होंगे. जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कम है या उपलब्ध नहीं है वहां भी ऑफलाइन मोड में डिजिटल लेनदेन किया जा सकेगा.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि ऑफलाइन मोड में डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करने वाली इस नई तकनीक का पायलट सफल रहा है और सीख से संकेत मिलता है कि इस तरह के समाधान पेश करने की गुंजाइश खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में है.
सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में इस योजना के तहत तीन पायलटों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया, जिसमें 1.16 करोड़ रुपये के मूल्य के 2.41 लाख की मात्रा को कवर करने वाले छोटे मूल्य के लेनदेन शामिल थे. पायलट प्रोजेक्ट से मिले अनुभव और उत्साहजनक प्रतिक्रिया को देखते हुए, आरबीआई ने अब पूरे देश में ऑफलाइन मोड में खुदरा डिजिटल भुगतान करने के लिए एक रूपरेखा पेश करने का प्रस्ताव दिया था.
कोरोना वायरस के कारण लोग नोट संक्रमण से बचने के लिए यूपीआई या फिर बैंक कार्ड द्वारा भुगतान करना पसंद कर रहे हैं. बैंकों द्वारा भी डिजिटल पेमेंट पर तरह-तरह के ऑफर दिए जाते हैं जिससे यह आकर्षक होता जा रहा है. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सेवा देने वाले भी अपने ग्राहकों को कई तरह के कैशबैक और कूपन देते हैं. इसी साल सितंबर महीने में डिजिटल पेमेंट ने नया रिकॉर्ड बनाया है. इस दौरान साढ़े छह लाख करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है.