Chandigarh: इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक Abhay Chautala ने लगातार मिल रही धमकियों को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा की मांग की है। सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान Haryana सरकार ने अदालत से कहा कि सरकार चौटाला को मिल रही धमकियों और उनकी जान को खतरे का आकलन कर रही है।
सरकार ने अदालत से इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय देने को कहा है। सरकार के अनुरोध पर, न्यायमूर्ति विकास बहल ने सुनवाई स्थगित कर दी, सरकार को मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए बुधवार तक का समय दिया।
याचिका में Nafe Singh हत्या मामले का जिक्र
अपनी याचिका में Abhay Chautala ने हाल ही में कुछ गैंगस्टरों द्वारा INLD के प्रदेश अध्यक्ष Nafe Singh Rathi की हत्या का भी हवाला दिया है। Abhay Singh के अनुसार, 25 फरवरी को INLD के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की एक गिरोह ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। Rathi के शरीर में 11 गोलियां थीं। याचिका के अनुसार, लंदन के कुछ गैंगस्टरों ने INLD के प्रदेश अध्यक्ष की हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
7 मार्च को सुरक्षा के लिए सरकार से अपील की
7 मार्च को Abhay ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए 24 घंटे की जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपा था। वकील संदीप गोयत के माध्यम से दायर याचिका के अनुसार, Abhay Haryana राज्य विधानसभा में और सार्वजनिक सभाओं और रैलियों में मादक पदार्थों की तस्करी, मादक पदार्थों के दुरुपयोग, शराब घोटाले, रजिस्ट्री घोटाले के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। वह किसानों और बेसहारा लोगों के समर्थन में भी खुले तौर पर सामने आए हैं और सरकार की जनहित विरोधी नीतियों का विरोध किया है।
पिछले साल जुलाई में मिली थी धमकी
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि 17 जुलाई, 2023 को रात करीब 9 बजे उनकी पदयात्रा के दौरान कॉल किए गए और वॉयस मैसेज भेजकर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। इस मामले में Haryana पुलिस अभय के निजी सहायक रमेश गोदारा की शिकायत पर पहले ही FIR दर्ज कर चुकी है।
सरकार के विरोध के कारण मिल रही हैं धमकियां
Chautala के अनुसार, वह Haryana के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं और लोगों की खातिर हर स्तर पर सरकार का विरोध कर रहे हैं। उनके विरोध के कारण उन्हें धमकाया जा रहा है। याचिका में उच्च न्यायालय से इस मामले में उचित आदेश पारित करने का अनुरोध किया गया है।