डीसी अशोक कुमार गर्ग ने आगामी 27 फरवरी से आरंभ हो रही हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दसवीं व बारहवीं कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं (annual exams) के मद्देनजर परीक्षार्थियों सहित शिक्षकों व अभिभावकों को आगामी वार्षिक परीक्षाओं (annual exams) के लिए शुभकामनाएं देते हुए नकल रहित परीक्षा (mock test) सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए प्रेरित किया।
उन्होंने परीक्षार्थियों से आह्वान किया कि वे नकल रहित परीक्षा के साथ अपने भविष्य को उज्जवल व कामयाब बनाएं। उन्होंने कहा कि नकल किसी के भी भविष्य को अंधकारमय बना देती है। उन्होंने विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं (exams) के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी परीक्षार्थी बिना किसी तनाव व डर( stress and fear) के परीक्षाएं दें। मेहनत के साथ अपनी तैयारी करें और शांत मन से परीक्षा को पूरा करें।
डीसी ने कहा कि यदि हम नकल करने से ही से टॉपर बन सकते तो दुनिया एक ही मॉडल पर चल रही होती। टॉपर्स ने चीजें अलग की, तभी सफल हुए। हमें भी कुछ ऐसा अलग करने का प्रयास करना होगा, जो हम अपने गुणों के माध्यम से ही कर सकते हैं। एक गुरु को इस बात से खुशी नहीं होती कि शिष्य जैसा उन्होंने सिखाया, वैसा ही कर गए। बल्कि वह अपने हर विद्यार्थी को उसके गुणों के हिसाब से अलग-अलग ढालते हैं।
तभी एक विद्यार्थी व्यवसायी बनता है, एक वकील, एक शिक्षक, एक चिकित्सक, एक बैंककर्मी इत्यादि। टॉपर से अनुशासन और अन्य चीजें अवश्य सीखी जा सकती है, लेकिन हू-ब-हू नकल कर टॉपर नहीं बना जा सकता। यदि ऐसा होता तो टॉपर भी किसी की नकल कर ही टॉपर बने होते।
डीसी गर्ग ने कहा कि परीक्षा को हमारी शिक्षा प्रणाली का मेरुदंड माना जाता है। वार्षिक परीक्षा (annual exam) से ही विद्यार्थियों की योग्यता का पता लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चों को बस नकल का ही सहारा रहता है। आजकल तो अध्यापक ही बच्चों को नकल करवाने के लिए चारों तरफ फिरते रहते हैं। कुछ विद्यार्थी दूसरों के लिए आज भी नकल करवाने और चिट बनाने का काम करते रहते हैं, जिससे बच्चों के मूल्यांकन में भी बहुत गड़बड़ी होने लगी है।
डीसी ने कहा कि नकल करना और करवाना कानूनन अपराध है और बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय है। विद्यार्थियों व अध्यापकों को आत्मचिंतन करते हुए नकल न करने का संकल्प लेना चाहिए। डीसी ने कहा कि परीक्षार्थियों को समझना होगा कि इन परीक्षाओं में नकल से पास होकर खुद अपने भविष्य को खराब करना है।
आज प्रतियोगिता का जमाना है और बिना ज्ञान के प्रतियोगिता से पार पाना आसान नहीं है। नकल रहित परीक्षा (mock test) समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नकल हमारे बच्चों के लिए एक अभिशाप है और इसे रोकने के लिए सबको मिलकर कदम उठाने की जरूरत है। नकल को लेकर अभिभावकों को भी अपने बच्चों से बात करनी होगी और उन्हें उनके भविष्य को लेकर समझना होगा। सभी मिलकर कोशिश करेंगे तभी नकल रहित परीक्षाएं (mock test) आयोजित की जा सकती हैं।