बता दें कि गौवंशों के कारण रेवाड़ी में तीन साल पहले अलग –अलग समय पर तीन मौते हो गई थी. जिसके बाद प्रशासन ने धारूहेड़ा में 7 एकड़ जमीन पर गौशाला खोली थी. जिसका संचालन करने का जिम्मा गौ संगठन को सौंपा था.
गौशाला के प्रधान ने कहा कि प्रशासन ने एग्रीमेंट कर कहा था कि अगर दान में चारा नहीं आता है तो प्रशासन चारा उपलब्ध करायेगा. लेकिन पिछले काफी समय से धारूहेड़ा नगर पालिका के चैयरमैन चारा उपलब्ध कराना तो दूर की बात है वो उन्हें परेशान कर रहे है. इसलिए वो गौशाला का संचालन प्रशासन को सौंपने आयें है. अगर भूख के कारण गौवंश मरते है तो उसका जिम्मेदार प्रशासन होगा.
गौ सेवकों का कहना है कि तीन दिन से गौवंश भूखे है. शासन प्रशासन गायों के संरक्षण के लिए बाते तो करता है. लेकिन उनके इंतजाम के नाम पर कुछ नहीं किया जाता है.
गौ सेवकों ने जिला पंचायत अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. डीडीपीओ ने कहा कि जिला उपायुक्त को मामले से अवगत कराकर समस्या का समाधान कराया जायेगा.