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वायु प्रदूषण करने वाले पटाखें फोड़ने पर सर्वोच्च न्यायालय व एनजीटी सख्त : डीसी गर्ग

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जिलाधीश अशोक कुमार गर्ग ने बताया कि विशेषज्ञों व रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा प्रदेश में सर्दी के मौसम विशेषकर अक्टूबर से लेकर जनवरी तक वायु प्रदूषण पीक पर होता है। उन्होंने बताया कि पटाखें फोड़ना वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता है।

उन्होंने बताया कि पटाखें फोड़ने से वायु में केवल मैटल पारटिकल्स खतरनाक टोक्सीन्स, हारमफुल कैमिकल्स व गैस ही उत्सर्जित नहीं होती बल्कि इससे हारमफुल पीएम 2.5 व पीएम-10 भी निकलते हैं, जिनसे व्यापक स्तर पर वायु प्रदूषण होता है। उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल-एनजीटी ने पटाखें फोडऩे से होने वाले वायु प्रदूषण पर कड़ा संज्ञान लिया है और पटाखें फोड़ने पर पूरी तरह सख्त हैं।

जिला में केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री व प्रयोग की होगी अनुमति :
जिलाधीश अशोक कुमार गर्ग ने विस्फोटक अधिनियम व भारतीय दंड प्रक्रिया 1973 के तहत रेवाड़ी जिला में पटाखों की बिक्री, उत्पादन व प्रयोग पर प्रतिबंध लगाते हुए आदेश जारी किए हैं कि जिला में केवल ग्रीन पटाखों को ही प्रयोग किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि  सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न मामलों में सुनवाई करते हुए एनसीआर क्षेत्र में पटाखों की बिक्री व प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जिलाधीश ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सलाह के आधार पर जिला प्रशासन ने भी जिला रेवाड़ी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री, उत्पादन और किसी भी तरह के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी दुकानदार पटाखे बेचते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

पुलिस विभाग, पंचायत विभाग, नगरपरिषद अधिकारियों और तहसीलदार को इन आदेश की पालना पर निगरानी रखने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन की ओर से दीपावली  पर्व, विवाह उत्सव, नववर्ष, त्यौहारों पर पटाखे फोडऩे के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।