मवेशियों में फ़ैल रहे लम्पी वायरस का खतरा अभी बना हुआ है. प्रशासन भले जिले के सभी पशुओं की वैक्सीनेशन करके और पीड़ित पशुओं का इलाज करने की बात कहकर स्थिति को अंडरकंट्रोल बता रहा हो. लेकिन अकेले रेवाड़ी शहर के गौ रक्षक दल की टीम के मुताबिक रोजाना 10 -12 केस सामने आ रहे है. जहाँ से कॉल आती है वहां गौ भक्तों की टीम पहुँचती है और घिसा की ढाणी में एक प्लाट पर लाकर पीड़ित पशुओं का इलाज करती है. जिन्होंने प्रशासन पर आरोप भी लगाया है कि प्रशासन किसी तरह की मदद नहीं कर रहा है.
आपको बता दें कि पशुपालन विभाग के आंकड़े के मुताबिक रेवाड़ी जिले में 44310 पशु है. एसओपी के दायरें में आने वाले 40010 पशुओं को वैक्सीनेशन करके 100 फीसदी वैक्सीनेशन का कार्य पूरा हो चूका है. जिले में करीबन साढ़े तीन सौ पशु लम्पी वायरस से पीड़ित पाए गए है. जिनमें से 90 पशुओ ठीक हो चुके है. जानकारों के मुताबिक लम्पी वायरस राजस्थान से वाले पशुओं के झुण्ड के साथ रेवाड़ी में आया है. जिसके कारण रेवाड़ी जिले के पशुओं में भी यह वायरस फ़ैल गया है. लम्पी वायरस से पीड़ित पशुओं खुले में कई जगह सड़क पर घूम रहे है. जिसके कारण लम्पी का खतरा अभी बना हुआ है.
डॉक्टर्स के मुताबिक लाल दवाई और नीम के पत्तों के पानी से दिन में एक बार पशुओं को निहलाना है. गिलोई को जूस पिलाना है और बुखार ना आयें उसके लिए डॉक्टर्स बताई गई दवाइयाँ खिलानी है. डॉक्टर्स का कहना है कि पशुओं के दूध में वायरस नहीं आता है. इसलिए उसे उबालकर पिने से कोई नुकसान नहीं होगा.