एडीसी गुरुवार को जिला सचिवालय सभागार में अप्रेंटिस ट्रेनी से संबंधित बैठक में अधिकारियों और प्राइवेट कंपनियों के प्रतिनिधियों को जरूरी दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने शिक्षुता अधिनियम 1961 व एनएपीएस योजना के बारे में कहा कि विभाग द्वारा जारी किए गए नए शेड्यूल के अनुसार सभी प्रतिष्ठान निर्धारित संख्या में प्रशिक्षु रखें।
इसके अलावा प्रशिक्षु लगे प्रशिक्षणार्थियों को स्टाइपेंड राशि प्रशिक्षु अधिनियम 1961 व नियम 1992 में किए गए संशोधन अनुसार ही दिया जाए। नए नियमों के अनुसार विभाग व निजी प्रतिष्ठान अपने कर्मचारियों के अनुसार निर्धारित संख्या में प्रशिक्षु लगा सकते हैं, जिसमें 5 प्रशिक्षण सीटें फ्रेशर व स्किल सर्टिफिकेट होल्डर प्रशिक्षुओं के लिए रिजर्व रखी जा सकती है।
पाटिल ने कहा कि जिन प्रतिष्ठानों द्वारा अभी तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है वे पोर्टल तुरंत अपना पंजीकृत करवाएं। इसके अलावा जिन विभागों की किसी प्रकार की समस्या आ रही है वे तुरंत रेवाड़ी आईटीआई से सम्पर्क करके अपनी प्रोफाइल नए पोर्टल पर अपडेट करवाएं। आईटीआई पास आउट बच्चे विभिन्न विभागों में ऑनलाइन के माध्यम से प्रशिक्षु प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि किसी को किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हैं तो आईटीआई रेवाड़ी से सम्पर्क कर सकते हैं।