मोदी सरकार द्वारा लाये गए कृषि बिलों के विरोध में आज बड़ी संख्या में किसानों ने अलग –अलग इलाकों से दिल्ली की तरह कूच किया. वहीँ सरकार की नीतियों के विरोध में अलग –अलग ट्रेड यूनियनों ने सरकार के खिलाफ नारेवाजी कर रोष जाहिर किया. रेवाड़ी के आलावा हरियाणा के दुसरें शहरों में किसान बड़ी संख्या में सड़क पर निकले ..जहाँ किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने हर हत्थकंडे अपनाये. रेवाड़ी में तो किसान नेताओं को एक दिन पहले ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था . लेकिन प्रदेश के दुसरें जिलों में किसानों का आक्रोश देखा गया.
आज संविधान दिवस भी है और किसान नेता और विपक्षी दल किसानों के विरोध करने के अधिकार को रोकना असैंविधानिक बता रहें है. जो कह रहे है की विरोध करना उनका अधिकार है जिसे बीजेपी सरकार तानाशाही करके खत्म नहीं कर सकती. वहीँ विभिन्न ट्रेड यूनियनों से जुड़े कर्मचारियों ने आज नेहरु पार्क में एकत्रित होकर रोष जाहिर किया और जिला सचिवालय पहुँचकर ज्ञापन सौंपा ..इसके आलावा रोड़वेज यूनियन ने भी तीन घंटे चक्का जामकर करके सरकार की नीतियों का विरोध किया है .
आपको बता दें कि हाल में ही पारित किये गए कृषि के विरोध में किसान संगठन लगातार धरना प्रदर्शन कर रहें है और आज 26 नवम्बर और 27 नवंबर को दिल्ली चलो किसान आन्दोलन का आह्वान किया हुआ था .. जिसको लेकर सरकार ने दो दिन पहले ही दिल्ली जाने वाले मार्गों पर ना जाने की एडवायजरी जारी की थी. दिल्ली मेट्रो भी एनसीआर के क्षेत्र में बंद कर दी गई है .
रेवाड़ी जिले में राजस्थान से हरियाणा बोर्डर पर बड़ी संख्या में आज दिनभर पुलिस मुस्तैद नजर आई . इसके आलावा और कई स्थानों पर पुलिस चौकस नजर आई. दक्षिण मडंल के पुलिस महानिदेशक विकास आरोड़ा ने व्यवस्था का जायजा लिया .. वहीँ जिलाधीश यशेंद्र सिंह द्वारा एक दिन पहले ही सुरक्षा के मद्देनजर धारा 144 लागू की थी साथ ही विभिन्न क्षेत्र में ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किये थे. वहीँ ट्रेड यूनियनों ने जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन किया और कहा की सरकार निजीकरण और ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है . जो पूरी तरह से कर्मचारी और जनविरोधी है.