ममता यादव ने सिविल सर्विस एग्जाम तो पहले ही प्रयास में क्लियर कर लिया था, लेकिन मन में IAS बनने का सपना अधूरा रह गया था, क्योंकि रैंक बहुत दूर थी। ममता ने हार नहीं मानी और दिन में 10 से 12 घंटे तक कड़ी मेहनत की। आखिर वो दिन ही आ गया, जिसका इंतजार था। ममता ने इस मुश्किल भरी परीक्षा में देशभर में 5वीं रैंक पाकर परिवार ही नहीं, बल्कि अपने क्षेत्र का भी नाम रोशन किया।
संघ लोक सेवा आयोग की 2020 की परीक्षा में ममता ने देशभर में 5वीं रैंक हासिल की है। ममता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। ममता ने इसका पूरा श्रेय अपने गुरुजनों, पिता अशोक कुमार, माता सरोज देवी, चाचा विजय कुमार और सत्यनारायण, भाई महेश यादव सहित पूरे परिवार को दिया है। ममता यादव का कहना है कि कड़ी मेहनत और लगन से खुद के बनाए कठिन से कठिन लक्ष्य को भी पूरा किया जा सकता है।
बसई गांव निवासी ममता यादव के पिता अशोक यादव एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं और उनकी मां सरोज यादव गृहिणी हैं। ममता की पूरी पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। 12वीं तक की पढ़ाई ममता यादव ने दिल्ली के ग्रेटर कैलाश के बलवंत राय मेहता स्कूल से की, फिर DU (दिल्ली यूनिवर्सिटी) के हिंदू कॉलेज से स्नातक किया।
परीक्षा की पहली सीढ़ी से ही टॉपर का खिताब लिए उंची उड़ान का सपना देखने वाली ममता यादव 4 साल से सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। वर्ष 2019 में ममता यादव ने देशभर में 556वीं रैंक हासिल की, लेकिन उनका सपना IAS बनने का था। माता-पिता ने हौसला बढ़ाया और एक बार फिर ममता ने प्रयास शुरू किए।
पहले ममता 8 से 10 घंटे तक पढ़ाई करती थीं, लेकिन टॉपर बनने के लिए इस बार 10 से 12 घंटे तक पढ़ाई की। UPSC के लिए ममता यादव ने ज्यादातर सेल्फ स्टडी की। शुक्रवार को जब परीक्षा का परिणाम आया तो ममता यादव व उसके परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।