रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) के नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी परीक्षा (एनटीपीसी) के नतीजों में धांधली के खिलाफ बिहार में छात्र संगठनों ने शुक्रवार को बिहार बंद किया। छात्रों के समर्थन में इस दौरान कई सियासी दल भी आगे आए और छात्रों की मांग का समर्थन किया। अब इस मुद्दे पर सियासत गरमाती दिख रही है। हालांकि छात्रों की तत्कालीन मांग रेलवे ने मान ली है। लेकिन अब इस मुद्दे पर सभी दल छात्रों के साथ दिखने की होड़ में जुटे हैं। सत्तारूढ़ जेडीयू और बीजेपी ने जहां पुलिस कार्रवाई और रेलवे मंत्रालय पर सवाल उठाया। वहीं, सरकार में सहयोगी मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) और जीतन मांझी की पार्टी ने शुक्रवार को स्टूडेंट की ओर से बुलाए गए बिहार बंद को समर्थन दे दिया।
जानिए क्या है छात्रो की मांगे
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि छात्रों का उत्तेजक होना परीक्षा प्रक्रिया और परिणाम में गड़बड़ी के विरुद्ध प्रतिक्रिया है। इसे लेकर जांच कमिटी बनाई गई है। छात्रों और उम्मीदवारों के साथ जल्द न्याय की उम्मीद करता हूं। उन्होंने कहा कि पटना में खान कोचिंग सहित अन्य कोचिंग संस्थान ऑनलाइन माध्यम से युवाओं का भविष्य निर्माण करते हैं। रेलवे और पुलिस इनके विरुद्ध दर्ज मुकदमों को वापस ले। वहीं, बीजेपी सांसद और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी छात्रों का समर्थन करते हुए का कि मेरी राज्य के पुलिस प्रशासन से अपील है कि छात्रों पर दमन की कोई कार्रवाई न की जाए। छात्र कोई अपराधी नहीं हैं।
पीएमओ ने रेल अधिकारियों के साथ की बैठक
सूत्रों के अनुसार, पीएमओ ने कई मसलों पर अपनी नाराजगी भी जताई और अधिकारियों से भविष्य में सचेत रहने को कहा। मीटिंग में पीएमओ के आला अधिकारियों के अलावा रेलवे मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। रेलवे में बहाली को लेकर छात्र आंदोलन के बीच पीएमओ ने भी हस्तक्षेप किया। शुक्रवार को पीएमओ ने रेलवे अधिकारियों की तत्काल मीटिंग (PMO Meeting with Railway Officials) बुलाई। इसमें पिछले दस साल में तमाम भर्ती प्रक्रिया पर चर्चा हुई।