एडीसी आशिमा सांगवान ने कहा कि कुपोषण से पोषण की ओर ले जाने में नारी शक्ति का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि एक महिला पूरे परिवार को पूर्ण श्रद्घा व प्रेम के साथ भोजन बनाकर खिलाती है और पौष्टिकता का पूर्ण ध्यान रखती है। लेकिन कभी-कभी वह स्वयं पारिवारिक जिम्मेवारियों को निभाने में स्वयं पोष्टिक आहार से वंचित रह जाती है। इसलिए महिलाएं अपने पौष्टिक आहार एवं स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें तभी पोषणयुक्त अभियान को सफल बनाया जा सकता है।
एडीसी आशिमा सांगवान मंगलवार को बाल भवन में पोषण माह के तहत आयोजित कार्यक्रम में सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुपोषण मुक्त भारत अभियान के सपने को साकार करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग सराहनीय कार्य कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं द्वारा खाने के विभिन्न क्षेत्रीय पोष्टिक व्यंजन भी बनाकर दिखाए गए, जिनका एडीसी ने स्वयं स्वाद चखकर पोष्टिकता की जांच की।
उन्होंने व्यंजनो की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं ने अपने व्यजंनो में पोष्टिकता के साथ-साथ स्वाद का विशेष ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन इसी प्रकार का पोष्टिक व्यजंन परिवार में बच्चों को बनाकर खिलाएं ताकि कुपोषण छोड़ पोषण की ओर थामें क्षेत्रीय भोजन की डोर का नारा सार्थक हो सके।
कार्यक्रम में एडीसी ने स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम सुशीला यादव, द्वितीय राधा यादव व तृतीय रही कविता यादव एवं रेस्पी प्रतियोगिता में सुपरवाईजर सीमा, योगेश व वंदना को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया।