PF New Rules : epfo ने पीएफ खाताधारकों के लिए नया नियम लागू किया है.यह खबर नौकरीपेशा लोगो के लिए है चाहे वह प्राइवेट कर्मचारी या फिर सरकारी कर्मचारी हो दोनों पर यह नियम लागू होता है.अब पीएफ खाते में अधिक पैसे जोड़ना आपके लिए घाटे का सौदा बन सकता है.
प्राइवेट नौकरी और सरकारी नौकरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में प्राइवेट नौकरी वालों के पीएफ खाते में 2.5 लाख रुपए तक टैक्स फ्री योगदान का कैप लगाया था। उसके बाद सरकारी कर्मचारियों पर जनरल प्रोविडेंट फंड में टैक्स फ्री की सीमा लागू कर दी। यह सीमा पांच लाख रुपए वार्षिक है। यह कटौती 1 अप्रैल 2022 से शुरू हो जाएगी।
जीपीएफ
सरकार ने इनकम टैक्स (25 संशोधन) नियम 2021 लागू कर दिया है। इससे जीपीएफ में अधिकतम टैक्स मुफ्त योगदान की सीमा 5 लाख लागू हो गई है। वहीं नए आदेश के मुताबिक 5 लाख रुपए से ऊपर जीपीएफ कटवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के ब्याज पर टैक्स लगेगा। अगर इसके ऊपर कर्मचारी ने कटौती कराई तो ब्याज आय को इनकम माना जाएगा।
केंद्र सरकार ने सामान्य भविष्य निधि में योगदान के लिए राहत दी थी। ऐसी सुविधा उन सरकारी कर्मचारियों के लिए है। जहां नियोक्ता द्वारा योगदान नहीं किया जाता। बजट 2022 से पहले यह खबर सामने आई थी कि सरकार प्राइवेट और सरकारी कर्मचारी के टैक्स फ्री पीएफ की सीमा को एकसमान कर सकती है। हालांकि ऐसा हुआ नहीं।
सरकार ने बजट 2021 में टैक्स फ्री ब्याज आप का फायदा उठाने के लिए टैक्स फ्री वार्षिक पीएफ योगदान को 2.5 लाख रुपए तक सीमित कर दिया था। लेकिन बाद में सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी। यह सीमा उन कर्मचारियों के लिए थी, जिनके नियोक्ता योगदान नहीं करते हैं। इससे सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिला।