हर दिन ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले सामने आते है। इनमे से एक मामला रेवाड़ी के ही राजकीय महाविद्यालय में बतौर क्लर्क काम करने वाले रेवाड़ी के गांव तिहाड़ा निवासी देवेन्द्र कौशिक का है। जिसने अपना क्रेडिट कार्ड बंद कराने के लिए गूगल के जरिए टोल फ्री नंबर सर्च किए। क्रेडिट कार्ड तो बंद नहीं हुआ, लेकिन उसके खाते से 45 हजार से ज्यादा जरूर साफ हो गए। खाते से नकदी पैसा निकलने का मैसेज आते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।
उसने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने उसकी शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। शुरूआती जांच में टोल फ्री नंबर पर बात करने वाला शख्स झारखंड का बताया जा रहा है। देवेन्द्र कौशिक ने बताया कि उन्होंने SBI का क्रेडिट कार्ड लिया हुआ था। लेकिन वह इस क्रेडिट कार्ड को बंद कराना चाहते थे।
शुक्रवार को उन्होंने कंपनी को कॉल किया तो बताया गया कि वह ऑनलाइन ही अपना क्रेडिट कार्ड बंद करा सकते है। इसके बाद देवेन्द्र ने यहां नंबर तो मिल गए, लेकिन नंबर बैंक अधिकारी के नहीं, बल्कि शातिर ठग के निकले। शातिर ठग ने देवेन्द्र से बैंक से संबंधित पूरी जानकारी जुटाई और फिर हेल्प करने की बजाए खाते से 45 हजार 700 रुपए निकाल लिए।
ठग ने खाते की जानकारी जुटाने के बाद पहले एनिडेस्क ऐप डाउनलोड करवाया। फिर ठग ने उसके क्रेडिट कार्ड के जरिए ही धोखाधड़ी की। खाते से नकदी साफ होने लगी तो उसने तुरंत बैंक में संपर्क किया, जहां पता चला कि मदद करने वाला बैंक अधिकारी नहीं, बल्कि शातिर ठग है। उसके बाद उसने खाते को बंद कराया। देवेन्द्र कौशिक ने रेवाड़ी साइबर थाना पुलिस से मामले की शिकायत की है।