देश में समय-समय पर अनेक महापुरूषों ने जन्म लेकर मानव जाति का मार्गदर्शन किया है। आदि कवि महर्षि वाल्मीकि भी ऐसे ही महापुरुष थे जिनके सिद्धांत आज भी समाज के लिए प्रासंगिक हैं। उक्त विचार सीईओ जिला परिषद जयदीप कुमार ने बुधवार को कालाका रोड़ स्थित वाल्मीकि आश्रम में आयोजित वाल्मीकि जयंती समारोह में महर्षि वाल्मीकि की चित्र पर पुष्प अर्पित करने उपरांत अपने संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी ने पवित्र रामायण की रचना कर पूरी मानवजाति के कल्याण हेतु धर्म का मार्ग प्रशस्त किया। समरसता व सद्भाव के प्रतीक महर्षि वाल्मीकि जी की शिक्षा व विचार हमें एक समृद्ध व गौरवशाली समाज की रचना करने की प्रेरणा देते है ।
उन्होंने कहा कि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण वह आदर्श ग्रंथ है जो पीढिय़ों से समाज का मार्गदर्शन करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा। उन्होंने कहा कि रामायण का मूल विषय रामकथा का प्रतिपादन है तथा लोगों विशेषकर युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे रामायण ग्रंथ की अच्छी-अच्छी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जन्म व जाति से बड़ा नहीं होता बल्कि अपने कर्मों से बड़ा होता है। हमें ऊंच-नीच की भावना को अपने मन से निकाल देना चाहिए।
जिला के सभी खंडों में महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई गई। बावल उपमंडल के गांव जैतड़वास में एसडीएम बावल संजीव कुमार व उपमंडल कोसली में एसडीएम कोसली होशियार सिंह ने महर्षि वाल्मीकि जयंती कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की तथा समारोह को संबोधित किया।